यूपी के औरेया सड़क हादसे मामले में सीएम हेमंत ने जताया दु:ख, कहा- श्रमिकों की सुरक्षा हम सभी का पहला कर्तव्य है
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उत्तर प्रदेश के औरैया में सड़क हादसे में श्रमिकों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि खबर अत्यंत मर्माहत करने वाली है. हम सभी राज्यों को अपने राज्यों में पैदल चलने को मजबूर लोगों की मदद के लिए जानकारी एकत्र कर संबंधित राज्य को अग्रतर कार्यावाही संबंधी कार्य साझा करनी होगी. उन्होंने कहा कि श्रमिक देश के मुख्य स्तंभ हैं एवं इनकी सेवा और सुरक्षा हम सभी का पहला कर्तव्य है.
रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उत्तर प्रदेश के औरैया में सड़क हादसे में श्रमिकों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि खबर अत्यंत मर्माहत करने वाली है. हम सभी राज्यों को अपने राज्यों में पैदल चलने को मजबूर लोगों की मदद के लिए जानकारी एकत्र कर संबंधित राज्य को अग्रतर कार्यावाही संबंधी कार्य साझा करनी होगी. उन्होंने कहा कि श्रमिक देश के मुख्य स्तंभ हैं एवं इनकी सेवा और सुरक्षा हम सभी का पहला कर्तव्य है.
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ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के औरैया में शनिवार की सुबह करीब 3:30 बजे एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ. इस भीषण सड़क हादसे में 24 श्रमिकों की मौत हुई, जबकि कई घायल हो गये. गंभीर रूप से घायलो को सैफई PGI रेफर किया गया है. इस हादसे में झारखंड के बोकारो जिले के 7 श्रमिकों की मौत हुई है. मृतकों में गोपालपुर पिडंजौरा निवासी राहुल पुत्र विभूति, पिंडजौरा निवासी कनिलाल पुत्र महोत, गोपालपुर निवासी राजाजिला गोस्वामी, पिंडजौरा निवासी गोवर्धन कालिंदी पुत्र गोरंगी कालिंदी, गोपालपुर पिंडजौरा निवासी उत्तम गोस्वामी पुत्र सुधीर, बाबूडीह पिंडजौरा निवासी डॉक्टर महतो मुत्र गोपाल महतो और पिंडजौरा निवासी सोमनाथ गोस्वामी थे.
मालूम हो कि लॉकडाउन के बीच ये श्रमिक एक ट्रक में सवार होकर वापस अपने- अपने घर लौट रहे थे. इसी बीच औरेया के पास इनकी ट्रक दूसरे ट्रक से टकरा गयी. इस भीषण हादसे में 24 श्रमिकों की मौत हुई. इस हादसे में झारखंड के 7, बंगाल के 4 और बिहार के 1 श्रमिक की मौत हुई. शेष अन्य श्रमिकों की शिनाख्त की जा रही है.
इस भीषण सड़क हादसे के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने श्रमिकों से पैदल अपने घर नहीं जाने की अपील की. उन्होंने कहा कि वे पैदल या साइकिल के माध्यम से अपने घर न जायें, बल्कि सरकार उनको घर भेजने की व्यवस्था कर रही है. इस संबंध में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश भी दिये हैं. साथ ही सभी जिला के अधिकारी एवं झारखंड पुलिस यह सुनिश्चित करे कि कोई भी व्यक्ति चाहे वो झारखंड का हो या दूसरे राज्य का, झारखंड में पैदल अपने गंतव्य की ओर ना जाये. सभी अधिकारी पूरी संवेदनशीलता के साथ ऐसे सभी लोगों की पूरी देखभाल करते हुए समूह बनाकर उनकी स्वास्थ्य जांच करवाएं और बसों व अन्य बड़े वाहनों द्वारा उनके गंतव्य तक उन्हें सुरक्षित पहुंचाएं.