21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची के मुड़मा जतरा में शामिल हुए सीएम हेमंत, बोले- न बेचें हड़िया-दारू, सरकारी योजनाओं का उठाएं लाभ

रांची के मांडर में दो दिवसीय मुड़मा जतरा (मेला) के समापन समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सम्मिलित हुए. इस दौरान हड़िया-दारू बेचने से जुड़ी माता और बहनों से अपील करते हुए कहा कि हड़िया-दारू न बेचें. सरकार की योजनाओं से जुड़कर रोजगार का सृजन करें.

Jharkhand News: रांची के मांडर प्रखंड स्थित मुड़मा जतरा स्थल पर आयोजित दो दिवसीय मुड़मा जतरा (मेला) 2022 के समापन समारोह में सीएम हेमंत सोरेन ने शिरकत की. इस मौके पर उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा कि कहा कि हड़िया-दारू को लेकर बदनामी होती है. समाज के अंदर हड़िया-दारू बेचना अभिशाप है. हड़िया-दारू समाज को नुकसान पहुंचाती है. नई पीढ़ी को खोखला कर देती है. इसलिए उन्होंने हड़िया-दारू बेचने के काम से जुड़ी सभी माताओं-बहनों से विनम्र प्रार्थना किया कि हड़िया-दारू की खरीद-बिक्री का कार्य बंद करें. कहा कि राज्य सरकार आपके लिए कई महत्वकांक्षी योजनाओं का संचालन कर रही है. आप सभी उन योजनाओं से जुड़ें.

Undefined
रांची के मुड़मा जतरा में शामिल हुए सीएम हेमंत, बोले- न बेचें हड़िया-दारू, सरकारी योजनाओं का उठाएं लाभ 2

सरना-मसना स्थल सहित सभी आदिवासी धर्म स्थलों का संरक्षण प्राथमिकता

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुड़मा जतरा स्थल में उपस्थित लोगों से कहा कि मुड़मा जतरा मेला के अंदर सैकड़ों विभिन्न प्रकार की दुकानें हैं. ऐसी दुकानों को संचालित करने के लिए भी हमारी सरकार आपको ऋण मुहैया करा रही है. सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं से जुड़कर आप रोजगार का सृजन करें. कहा कि हमारी सरकार ने राज्य के सभी सरना-मसना स्थल सहित आदिवासी धर्म स्थलों का जीर्णोद्धार तथा संरक्षण करने का काम किया है.

आदिवासी समाज के हित के लिए सरकार प्रतिबद्धता के साथ कर रही काम

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुड़मा जतरा मेला की परंपरा सदियों से चली आ रही है. एक दौर ऐसा भी आया था जब समाज में थोड़ा बहुत बिखराव नजर आ रहा था तभी दिशोम गुरु शिबू सोरेन, पूर्व विधायक बंधु तिर्की एवं धर्म गुरु बंधन तिग्गा ने मुड़मा जतरा मेला स्थल में एक ऐसा मजबूत नींव रखा कि आज सिर्फ झारखंड ही नहीं, बल्कि कई राज्यों के लोगों का जुटान यहां होता है. अलग राज्य का सपना गुरुजी ने देखा था. गुरुजी एवं झारखंड के कई आदिवासी वीर महापुरुषों के संघर्ष और त्याग की बदौलत अलग राज्य का सपना साकार हुआ है. आदिवासी समाज के हित के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. झारखंड सरकार अपने सभी वादों को पूरा करने में लगी है. आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड, 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति सहित सभी अपेक्षाओं को पूरा करने का काम राज्य सरकार कर रही है.

Also Read: Sarkari Naukri: झारखंड में 25 हजार शिक्षकों की जल्द होगी नियुक्ति, यहां पढ़ें CM हेमंत की बड़ी घोषणाएं

आदिवासी समाज जल-जंगल-जमीन का पुजारी

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ा कर समाज की रक्षा नहीं की जा सकती है, बल्कि समाज में छोटे-छोटे बदलाव लाकर ही समाज का संरक्षण, विकास तथा उन्नति हो  सकता है. सदियों से आदिवासी समाज जल, जंगल और जमीन का पुजारी रहा है. जल-जंगल-जमीन सिर्फ आदिवासी समाज का ही नहीं बल्कि पूरे मानव जाति के देवता हैं. जल, जंगल और जमीन पर हो रहे अत्याचार को बचाना है, तो आदिवासी समाज को बचाना होगा. जल, जंगल और जमीन को सिर्फ आदिवासी समुदाय ही बचा सकता है.

मुड़मा जतरा स्थल के संरक्षण के लिए सरकार हरसंभव मदद करेगी

उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि समाज के हर एक व्यक्ति को जागरूक होकर अपने अधिकार की रक्षा करनी होगी. उन्होंने नौजवान साथियों से आग्रह किया कि आने वाली पीढ़ी की जिम्मेदारी आपके हाथों में है. परंपरा-संस्कृति को बचाते हुए आप समाज को आगे ले जाने का काम करें. आप सभी के साथ राज्य सरकार सदैव खड़ी है. हौसला और संकल्प के साथ आदिवासी हित के लिए जो भी बातें होंगी उस पर सरकार खरा उतरने का प्रयास करेगी. कहा कि हम वैसे लोगों के वंशज हैं जिन्होंने अपने हक-अधिकार की लड़ाई के लिए कभी भी पीछे नहीं हटे. आदिवासियों का जीवन हमेशा संघर्षशील रहा है. अब वक्त आ गया है कि एकजुट होकर सजगता के साथ समाज को आगे ले चलें. मुख्यमंत्री ने मुड़मा जतरा स्थल के संरक्षण के संबंध में कहा कि मुड़मा जतरा स्थल के संरक्षण के लिए राज्य सरकार हरसंभव सहयोग करेगी.

सीएम की पारंपरिक घोड़ा पर हुई सवारी

इससे पूर्व मुख्यमंत्री के मुड़मा जतरा स्थल पहुंचते ही जोरदार स्वागत करते हुए पारंपारिक घोड़ा का सवारी कराकर जतरा शक्ति खूंटा ले जाया गया जहां मुख्यमंत्री ने विधिवत पूजा-अर्चना की. मुख्यमंत्री ने जतरा शक्ति खूंटा स्थल पर राज्य की सुख, समृद्धि और उन्नति के लिए प्रार्थना की. इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की, पूर्व विधायक बंधु तिर्की, धर्मगुरू बंधन तिग्गा, शिक्षाविद् करमा उरांव, जतरा समिति के अध्यक्ष जगराम उरांव सहित अन्य गणमान्य एवं काफी संख्या में लोग उपस्थित थे.

Also Read: भारतीय महिला फुटबॉल टीम की कप्तान अष्टम के गांव में कभी नक्सलियों का था बोलबाला, अब मिल रही अलग पहचान

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें