झारखंड में स्थानीयता नीति व ओबीसी आरक्षण पर सीएम हेमंत सोरेन ने कही बड़ी बात, जानें पूरा मामला

राज्य में महागठबंधन की सरकार 11 नवंबर को विशेष सत्र बुला रही है. सत्र में 1932 का खतियान और ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का निर्णय लिया जायेगा. उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रजरप्पा प्रोजेक्ट स्थित कॉलोनी स्टेडियम में आयोजित जिलास्तरीय ‘आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार’ कार्यक्रम में कही.

By Prabhat Khabar News Desk | November 6, 2022 9:59 AM

राज्य में महागठबंधन की सरकार 11 नवंबर को विशेष सत्र बुला रही है. इस सत्र में 1932 का खतियान और ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का निर्णय लिया जायेगा. उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रजरप्पा प्रोजेक्ट स्थित कॉलोनी स्टेडियम में आयोजित जिलास्तरीय ‘आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार’ कार्यक्रम में कही.

सीएम हेमंत ने क्या कहा

श्री सोरेन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड के खनिज संपदा की राजस्व राशि एक लाख 36 करोड़ मांगा गया, तो यहां सीबीआइ, इडी और इनकम टैक्स भेज दिया गया, ताकि झारखंड डर से अपना अधिकार नहीं मांगे. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में सिर्फ सरकार के मंत्रियों और विधायकों के ही यहां छापे पड़ रहे हैं. लगता है विपक्ष के विधायक और नेता दूध के धुले हुए हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य गठन के बाद पहली बार पूरे राज्य में उत्साह का माहौल है. सरकार किसानों, श्रमिकों, महिलाओं, नौजवानों एवं जरूरतमंदों के साथ खड़ी है.

Also Read: झारखंड स्थापना दिवस समारोह में पांच हजार करोड़ की योजनाओं का होगा उद्घाटन और शिलान्यास

सीएम के अनगड़ा लीज मामले में दायर एसएलपी पर सात नवंबर को होगा फैसला

हेमंत सोरेन के अनगड़ा माइनिंग लीज आवंटन व करीबियों की शेल कंपनियों के जरिये निवेश के मामले में दायर जनहित याचिकाओं की मेंटनेबिलिटी पर झारखंड हाइकोर्ट के फैसले को चुनाैती देनेवाली एसएलपी पर सात नवंबर को फैसला आयेगा. सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार की ओर से दायर एसएलपी पर सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. झारखंड हाइकोर्ट में चल रही जनहित याचिकाओं की सुनवाई पर भी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सात नवंबर को फैसला सुनायेगा. यह मामला जस्टिस दिनेश माहेश्वरी व जस्टिस सुधांशु धुलिया की खंडपीठ में सूचीबद्ध है.

क्या है एसएलपी में

उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड सरकार ने एसएलपी दायर कर झारखंड हाइकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें जनहित याचिकाओं के सुनवाई योग्य माना गया है. हेमंत सोरेन के अनगड़ा माइनिंग लीज आवंटन व करीबियों की शेल कंपनियों के माध्यम से निवेश की उच्चस्तरीय जांच को लेकर प्रार्थी शिवशंकर शर्मा ने जनहित याचिका दायर की थी.

Next Article

Exit mobile version