झारखंड: सीएम हेमंत सोरेन ने हाईकोर्ट में दायर की क्रिमिनल रिट याचिका, एफआईआर को दी चुनौती
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने क्रिमिनल रिट याचिका में कहा है कि वर्ष 2014 में चुनाव के दौरान वह अपनी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने गये थे. उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया था. उस दौरान उन पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया गया था.
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट याचिका दायर कर सरायकेला-खरसावां के आदित्यपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी (418/2014) को चुनौती दी है. उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग की है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रदीप चंद्र ने याचिका दायर की है. याचिका की त्रुटियों को दूर करने के लिए प्रार्थी को नौ अक्तूबर तक का समय दिया गया है. क्रिमिनल रिट याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2014 में चुनाव के दौरान वह अपनी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने गये थे. उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया था. उस दौरान उन पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया गया था. इस मामले की सुनवाई पश्चिमी सिंहभूम की निचली अदालत में चल रही है. प्रार्थी ने कार्यवाही पर रोक लगाने व उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग की है.
चुनाव प्रचार में नहीं किया था आचार संहिता का उल्लंघन
प्रार्थी झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने क्रिमिनल रिट याचिका में कहा है कि वर्ष 2014 में चुनाव के दौरान वह अपनी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने गये थे. उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया था. उस दौरान उन पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया गया था.
पश्चिमी सिंहभूम की निचली अदालत में चल रही सुनवाई
प्रार्थी झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने क्रिमिनल रिट याचिका में कहा है कि आईपीसी की धारा-188, 506 व जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी. इस मामले की सुनवाई पश्चिमी सिंहभूम की निचली अदालत में चल रही है. प्रार्थी ने कार्यवाही पर रोक लगाने व उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग की है.
प्रार्थी को नौ अक्तूबर तक का समय
क्रिमिनल रिट याचिका की त्रुटियों को दूर करने के लिए प्रार्थी को नौ अक्तूबर तक का समय दिया गया है.