सैनिकों-अग्निवीरों के आश्रितों को सरकारी नौकरी और विशेष अनुग्रह अनुदान, सीएम हेमंत सोरेन ने दी मंजूरी

झारखंड के सैनिकों के साथ-साथ अग्निवारों के आश्रितों को भी हेमंत सोरेन सरकार विशेष अनुग्रह अनुदान और अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी देगी. इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी है.

By Guru Swarup Mishra | August 16, 2024 5:56 PM

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मिलिट्री ऑपरेशन के दौरान कर्तव्य निर्वहन करते हुए वीरगति प्राप्त करनेवाले राज्य के सैनिक या अग्निवीर की पत्नी/आश्रित को विशेष अनुग्रह अनुदान एवं अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब कैबिनेट से इसकी स्वीकृति ली जाएगी. सैनिकों के साथ-साथ अग्निवारों के आश्रितों को भी विशेष अनुग्रह अनुदान एवं अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी दी जाएगी.

विशेष अनुग्रह अनुदान में मिलती है कितनी राशि

राज्य सरकार द्वारा मिलिट्री ऑपरेशन के दौरान कर्तव्य निर्वहन करते हुए वीरगति प्राप्त करने वाले झारखंड के सैनिक की पत्नी या आश्रित को विशेष अनुग्रह अनुदान के रूप में 10 लाख रुपए एवं अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी प्रदान करने का प्रावधान है. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने इस प्रस्ताव की स्वीकृति दे दी है. अब इस प्रस्ताव पर कैबिनेट का अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा.

कब से लागू की गयी है अग्निवीर योजना

भारतीय सेना (थल, वायु एवं जल सेना) में वर्ष 2022 में अग्निवीर योजना लागू की गयी है. इस योजना के तहत भारतीय सेना में अग्निवीर के रूप में 4 वर्षों के लिए नियुक्ति शुरू की गयी है. अग्निवीरों को नियमित सैनिकों के अनुरूप ही देश की रक्षा/सुरक्षा का दायित्व सौंपा गया है. ऐसे में अग्निवीरों पर भी नियमित सैनिकों की भांति देश की रक्षा/सुरक्षा को लेकर समान रूप से जीवन का खतरा बना रहता है. इसलिए अग्निवीरों के लिए भी इसे लागू करने की योजना तैयार की गयी है.

Also Read: रक्षा बंधन पर झारखंड की महिलाओं को हेमंत सोरेन देंगे बड़ी सौगात, 18 अगस्त से खाते में खटाखट गिरेंगे रुपए

Also Read: झारखंड को केंद्र से मिलेंगे बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपए, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को हेमंत सोरेन ने बताया ऐतिहासिक

Also Read: Independence Day 2024: झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार दुमका, सीएम हेमंत सोरेन रांची और कैबिनेट मंत्री यहां करेंगे ध्वजारोहण

Next Article

Exit mobile version