झारखंड: 2500 हुनरमंद युवाओं को ऑफर लेटर देकर बोले सीएम हेमंत सोरेन, 75 फीसदी स्थानीय लोगों को मिलने लगी नौकरी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार ने झारखंड में एक बेहतरीन उद्योग पॉलिसी बनाते हुए टेक्सटाइल इंडस्ट्री को जोड़ा. राज्य सरकार और टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लोगों के वादे के मुताबिक 75% स्थानीय लोगों को अपने संस्थानों में नियुक्तियां दीं.
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जब हमारी सरकार बनी तब ठीक से हम मंत्रिमंडल का विस्तार भी नहीं कर पाए और कोरोना संक्रमण जैसी महामारी देश और दुनिया को अपनी चपेट में ले ली. कोराना संक्रमण इतना भयावह और डरावना था कि पूरा देश और दुनिया रुक सा गया था. देश ने इससे पहले इस तरीके की वैश्विक चुनौती कभी नहीं देखी थी. इस प्रकार का वैश्विक संक्रमण पिछड़े एवं गरीब राज्यों के लिए सबसे ज्यादा तकलीफ देने वाली होती है. गरीब, मजदूर एवं जरूरतमंदों के लिए यह अभिशाप के जैसा था. सभी लोग अपने-अपने घरों के भीतर बन्द रहने के लिए मजबूर हो गए थे. लॉकडाउन में रोजगार के सभी साधन बंद हो गए. ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा नुकसान प्रवासी मजदूरों को हुआ क्योंकि वे बेघर हो गए. वे रांची के खेलगांव स्थित टानाभगत इंडोर स्टेडियम में आयोजित रोजगार मेले में 2500 कौशल प्राप्त युवाओं को ऑफर लेटर वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर राज्यसभा सांसद महुआ माजी, विधायक राजेश कच्छप, मुख्य सचिव एल खियांग्ते, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, उद्योग सचिव जितेंद्र कुमार सिंह, जियाडा एमडी शशि रंजन, टेक्सटाइल इंडस्ट्री के दीपक अग्रवाल एवं सुधीर ढींगरा सहित बड़ी संख्या में ऑफर लेटर प्राप्त करने वाले युवक-युवतियां, महिलाएं एवं अन्य उपस्थित थे.
निजी क्षेत्र में 75 फीसदी स्थानीय लोगों को मिल रही नौकरी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार ने झारखंड में एक बेहतरीन उद्योग पॉलिसी बनाते हुए टेक्सटाइल इंडस्ट्री को जोड़ा. राज्य सरकार और टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लोगों के वादे के मुताबिक 75% स्थानीय लोगों को अपने संस्थानों में नियुक्तियां दीं. राज्य सरकार के साथ-साथ टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लोगों ने भी कदम से कदम मिलते हुए जरूरतमंद लोगों को रोजगार से जोड़ने का काम किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले डेढ़ वर्षों में 50 हजार से अधिक युवक-युवतियों को निजी क्षेत्र में नियुक्तियां देने का काम राज्य सरकार ने कर दिखाया है. पहले गांव-देहात के नौजवान फौज में नौकरी करने की तैयारी करते थे, परंतु वर्तमान के समय में फौज में भी नियुक्तियां रुक सी गई हैं. गांव-देहात के वैसे बच्चे जो शहर में रहकर पढ़-लिख जाते थे, वे बैंक और रेलवे में नौकरी की तैयारी करते थे, लेकिन गलत नीति-निर्धारण के कारण आज बैंक तथा रेलवे में नौकरियां घटी हैं. केंद्र सरकार के कई उद्यम अब निजी हाथों में चला गया है. यही कारण है कि अब सरकारी नौकरियां कम हो रही हैं. हमारी सरकार ने एक अच्छी उद्योग नीति बनाकर 75% स्थानीय लोगों को राज्य में स्थापित इंडस्ट्री में रोजगार देने का नियम बनाया है.
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कोरोना संक्रमण में बेहतर मैनेजमेंट व्यवस्था बनाई
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य बना जिसने प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन के समय हवाई जहाज सहित विभिन्न माध्यमों से वापस घर लाने का कार्य कर दिखाया, लॉकडाउन के कारण कई इंडस्ट्री बंद हुई जो आज तक उबर नहीं पायी. कोरोना संक्रमण का असर आज भी कहीं न कहीं देखने को मिल रहा है. ऐसी विपरीत स्थिति में भी हमारी सरकार ने एक बेहतर मैनेजमेंट का उदाहरण देते हुए बिना अफरा-तफरी के राज्यवासियों और प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित रखने का काम कर दिखाया है. वैश्विक महामारी के समय हमारी सरकार के अधिकारी निरंतर यहां के जनमानस को बचाने का रास्ता ढूंढते रहे. राज्य सरकार एवं महिला समूह की दीदियों ने गांव-गांव पंचायत-पंचायत पहुंचकर लोगों को खाना खिलाया, घरों पर अनाज उपलब्ध कराया. कोरोना से निबटने में हमारी महिला दीदियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना से दी जा रही आर्थिक मदद
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान, मजदूर आदिवासी, पिछड़े, जरूरतमंद सहित सभी वर्गों की पीड़ा को हमारी सरकार समझती है. हमारी सोच है कि हम आने वाली पीढ़ी को एक बेहतर भविष्य प्रदान करें. हमारी सरकार रोजगार सृजन के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और आगे भी करती रहेगी. हमारी सरकार वर्तमान समय में राज्य के सभी 60 वर्ष से अधिक बुजुर्ग व्यक्तियों को पेंशन दे रही है. राज्य में दिव्यांग, विधवा सभी को पेंशन योजना से आच्छादित किया गया है. झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां सर्वजन पेंशन योजना लागू की गई है. राज्य के स्कूलों में अध्यनरत सभी बच्चियों को सावित्रीबाई फुले योजना से जोड़ा जा रहा है. इस योजना के तहत बच्चियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है. आदिवासी, दलित, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक बच्चे कुछ शिक्षा के लिए विदेश में अब पढ़ने जा रहे हैं. राज्य सरकार विदेश में पढ़ाई करने वाले बच्चों को शत प्रतिशत स्कॉलरशिप उपलब्ध करा रही है. राज्य सरकार की सोच है कि यहां के बच्चे भी अब पढ़ लिखकर डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, जज सहित अन्य सरकारी अफसर बनें. इसके लिए गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना संचालित की जा रही है.