ईडी के अफसरों पर हेमंत सोरेन ने एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज करायी प्राथमिकी
ईडी के अधिकारी (जो कि जनजातीय समुदाय के सदस्य नहीं हैं) जानबूझ कर ऐसा साक्ष्य बना रहे हैं, ताकि मुझे सात साल या उससे अधिक की सजा से जुड़े आपराधिक मामले में सजा दिला सकें
रांची : पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इडी के अपर निदेशक सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ रांची स्थित एससी/एसटी थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसमें अपर निदेशक कपिल राज, सहायक निदेशक देवव्रत झा, अनुपम कुमार और अमन पटेल को व अन्य को अभियुक्त बनाया गया है. प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एसआइ दीपक कुमार राय को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. दर्ज प्राथमिकी में मुख्यमंत्री ने कहा है : 30 जनवरी की मीडिया रिपोर्ट से मुझे जानकारी मिली कि दिल्ली के शांति निकेतन स्थित आवास से नीले रंग की बीएमडब्ल्यू कार और रुपये जब्त किये गये हैं.
इसे मेरा बताया जा रहा है, लेकिन बरामद कार और रुपये मेरे नहीं हैं. इडी के अधिकारी ऐसा मुझे और पूरे जनजातीय समुदाय को बदनाम करने के लिए कर रहे हैं. इडी के अधिकारी (जो कि जनजातीय समुदाय के सदस्य नहीं हैं) जानबूझ कर ऐसा साक्ष्य बना रहे हैं, ताकि मुझे सात साल या उससे अधिक की सजा से जुड़े आपराधिक मामले में सजा दिला सकें. इडी अधिकारियों की इस कार्रवाई से मैं और मेरा परिवार मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित हुआ है.
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बिना सूचना दिये ईडी के अधिकारियों ने किया सर्च
प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 27-28 जनवरी को दिल्ली गये थे. वह दिल्ली के शांति निकेतन स्थित आवास पर ठहरे थे. 29 जनवरी को उन्हें जानकारी मिली कि इडी के अधिकारियों ने दिल्ली स्थित आवास, झारखंड भवन को कथित रूप से सर्च किया. इस कथित सर्च की सूचना मुख्यमंत्री को नहीं दी गयी, न ही वे उस वक्त वहां मौजूद थे. ईडी के अधिकारी 29-31 जनवरी को उनकी उपस्थिति चाहते थे. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अलावा राष्ट्रीय और स्थानीय मीडिया में इसके कवरेज से यह पता चलता है कि ईडी के अधिकारियों ने कथित सर्च की सूचना दी, ताकि मीडिया में तमाशा बना कर नागरिकों की नजर में गिराया जा सके.