सीएम हेमंत सोरेन की नीति आयोग के साथ बैठक, दी एसटी/एससी के लिए अलग नीति बनाने की दलील
मुख्यमंत्री ने राज्य की समस्याओं और जरूरतों को देखते हुए नीति बनाने पर दिया जोर, इसके अलावा नीति आयोग के साथ विकास के मुद्दों पर भी हुई चर्चा
Niti Aayog Meeting in Jharkhand, Ranchi News रांची : नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति बाहुल्य राज्य है. इनको आगे बढ़ने का मौका मिले, इसके लिए उन्हें केंद्र से भी सपोर्ट मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि इनके लिए अलग से पॉलिसी बनायी जाये, ताकि उनके विकास से जुड़ी कार्ययोजना बेहतर तरीके से क्रियान्वित हो सके. उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में खनिजों और उद्योगों के लिए भूमि का जो अधिग्रहण हो रहा है, उससे सबसे ज्यादा किसान प्रभावित हो रहे हैं. वे खेतिहर मजदूर बनकर रह गये हैं. ऐसे किसानों को भी सपोर्ट देने की दिशा में ठोस पहल होनी चाहिए.
एसटी-एससी उद्यमी को सीजीएसटी में राहत दी जाये :
सीएम ने कहा कि सरकार ने नयी उद्योग नीति बनायी है. इसमें नये उद्योग के साथ-साथ छोटे उद्योगों को पुनर्जीवित करने का प्रावधान है. नयी दिल्ली में हुए समिट में 10 हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव भी प्राप्त हुआ. नीति आयोग से कहा है कि राज्य के एसटी-एसएसी उद्यमी भी आगे आने चाहते हैं. उन्हें आगे लाने के लिए केंद्र सरकार सीजीएसटी में राहत दे ताकि वे अपना पैर इस क्षेत्र में जमा सकें.
राज्य के पास सीमित संसाधन और चुनौतियां कई : मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पास सीमित संसाधन है, लेकिन चुनौतियां कई हैं. ऐसे में राज्य सरकार की जरूरतों को देखते हुए केंद्र सरकार को सहयोग करने की जरूरत है ताकि इन चुनौतियों से निपटा जा सके. उन्होंने कहा कि राज्य की समस्याओं को समझते हुए उसी के हिसाब से नीति और कार्य योजना बनायी जाये ताकि विकास को गति और नई दिशा मिल सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर खनिज यहां है तो उससे आधारित प्रोजेक्ट को भी यही स्थापित किया जाना चाहिए.
नीति आयोग ने तारीफ की :
मौके पर नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि केंद्र और राज्य के बीच बेहतर समन्वय बनाने की दिशा में नीति आयोग एक कड़ी है. झारखंड सरकार के साथ हुई बैठक अहम रही. इससे केंद्र और राज्य के बीच अगर कोई गतिरोध है तो उसके समाधान में सहूलियत होगी. उन्होंने कहा कि नीति आयोग जो भी पॉलिसी बनाती है, उसमें मंत्रालय के साथ विस्तार से विचार-विमर्श होता है.वहीं, सरकार की नीतियों और योजनाओं की मॉनिटरिंग तथा वैल्यूएशन के लिए भी कई इंस्टीट्यूट हैं.
Posted by : Sameer Oraon