सीएम हेमंत ने की पथ निर्माण विभाग की समीक्षा, इन योजनाओं पर काम शुरू करने को लेकर दिये निर्देश

गुरुवार को पथ निर्माण विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कें अच्छी और समय पर बननी चाहिए. लंबित सड़क परियोजनाओं पर तेजी से काम पूरा किया जाना चाहिए. नयी सड़कों के निर्माण में उसकी उपयोगिता का विशेष ध्यान रखा जाये. श्री सोरेन ने विभिन्न सड़क परियोजनाओं की प्रगति, नयी सड़क निर्माण की कार्य योजनाओं और राजस्व संग्रह की जानकारी लेकर निर्देश दिया. उनको बताया गया कि मालवाहक वाहनों से टैक्स लेने के लिए राज्य में कई सड़कों पर टोल प्लाजा प्रस्तावित है. इसके लिए 4,856 किलोमीटर लंबी 425 सड़कों का सर्वे किया जा चुका है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 25, 2021 6:33 AM
an image
  • खनन क्षेत्रों में बनेगी सड़क मालवाहकों को लगेगा टोल

  • इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के रूप में विकसित होगा गोविंदपुर-जामताड़ा-दुमका-साहिबगंज रोड

  • पर्यटक स्थलों और माइंस एरिया के आसपास हेलीपैड बनाने की योजना तैयार करने का निर्देश दिया

रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने माइंस एरिया के लिए डेडिकेटेड रोड बनाने की योजना तैयार करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि इन सड़कों के निर्माण का घनी आबादी या गांवों पर प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए. साथ ही सड़कों का चयन इस तरह से होना चाहिए कि वहां टोल प्लाजा लगाने से आम लोगों पर कोई बोझ नहीं पड़े. बेहतर गुणवत्तावाली सड़कों से प्राप्त होने वाले राजस्व का बारीकी से आकलन किया जाना चाहिए.

गुरुवार को पथ निर्माण विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कें अच्छी और समय पर बननी चाहिए. लंबित सड़क परियोजनाओं पर तेजी से काम पूरा किया जाना चाहिए. नयी सड़कों के निर्माण में उसकी उपयोगिता का विशेष ध्यान रखा जाये. श्री सोरेन ने विभिन्न सड़क परियोजनाओं की प्रगति, नयी सड़क निर्माण की कार्य योजनाओं और राजस्व संग्रह की जानकारी लेकर निर्देश दिया. उनको बताया गया कि मालवाहक वाहनों से टैक्स लेने के लिए राज्य में कई सड़कों पर टोल प्लाजा प्रस्तावित है. इसके लिए 4,856 किलोमीटर लंबी 425 सड़कों का सर्वे किया जा चुका है.

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने गोविंदपुर-जामताड़ा-दुमका-साहिबगंज रोड पर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने की संभावनाओं पर चर्चा की. वहां स्थल चयन कर वेयर हाउस, लॉजिस्टिक सेंटर या इंडस्ट्रीज विकसित करने की कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया. कहा कि यह सड़क संताल परगना क्षेत्र की लाइफलाइन बन सकती है.

मुख्यमंत्री ने सड़क परियोजनाओं के लिए फॉरेस्ट क्लियरेंस और भूमि अधिग्रहण से जुड़ी समस्याओं का जल्द निराकरण करने को कहा. विभागीय सचिव को हर 15 दिन पर भू-अधिग्रहण से जुड़े मामलों की समीक्षा कर दूसरे विभागों के साथ समन्वय बनाते हुए क्लीयरेंस हासिल करने का निर्देश दिया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि फॉरेस्ट क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण में तकनीकी अड़चन आती है. विभाग को फॉरेस्ट क्षेत्रों में सिंगल लेन की सड़कों की उपयोगिता का आकलन करना चाहिए. मुख्यमंत्री ने राज्य के महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों और माइंस एरिया के आसपास हेलीपैड बनाने की योजना तैयार करने का निर्देश दिया. कहा कि इससे नक्सल गतिविधियों पर भी अंकुश लगाने में सहायता मिलेगी. बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, पथ निर्माण सचिव सुनील कुमार, अभियंता प्रमुख मुरारी भगत व अन्य शामिल थे.

एनएच के लिए 612 किमी की सड़क योजना को मंजूरी

मुख्यमंत्री को जानकारी दी गयी कि गुजरे चार सालों के दौरान राज्य में स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए कुल 612.65 किमी सड़क योजना को स्वीकृति प्रदान की गयी है. केंद्र सरकार को 30 जून तक 184.23 किमी, 15 जुलाई तक 307.18 किमी और 31 जुलाई तक 180 किलोमीटर सड़क योजना का डीपीआर भेजने की प्रक्रिया शुरू की गयी है.

इन सड़क योजनाओं का बजट करीब 3,160 करोड़ रुपये है. राज्य पथ निर्माण विभाग के तहत 17 सड़क परियोजनाओं को स्वीकृति के लिए भेजा गया है. इसके अलावा 10 परियोजनाओं पर स्टेट इंपावर्ड कमेटी के स्तर पर निर्णय लेने की प्रक्रिया चल रही है.

Posted By : Sameer Oraon

Exit mobile version