Jharkhand News : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकारी विभागों या कार्यालयों का अलग-अलग डाटा सेंटर साइबर सुरक्षा के दृष्टिकोण से उचित नहीं है. ऐसे में सभी विभागों के लिए सेंट्रलाइज्ड डाटा सेंटर बनाया जाए. इससे डाटा सेंटर का मैनेजमेंट, मेंटेनेंस और मॉनिटरिंग बेहतर तरीके से करने के साथ साइबर सुरक्षा की व्यवस्था को पुख्ता किया जा सकता है. वे आज जैप-आईटी की 10वीं बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे थे. 6 वर्षों के अंतराल के बाद हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को डाटा रिकवरी सेंटर और साइबर सिक्योरिटी रिस्पांस टीम बनाने का निर्देश दिया. इस मौके पर उन्होंने जैप- आईटी द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं सेवाओं की जानकारी ली.
डाटा सिक्योरिटी ऑडिट की व्यवस्था बनाएं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि विभागों के डाटा की सिक्योरिटी काफी अहम हैं. डाटा लीक होने से कई बड़ी परेशानियां सामने आ सकती हैं. ऐसे में सभी विभागों के डाटा की सिक्योरिटी ऑडिट नियमित अंतराल पर होनी चाहिए. डाटा सिक्योरिटी ऑडिट में जो भी खामियां मिले, उसे अविलंब नियंत्रित किया जाए.
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ई- गवर्नेंस का विजन डॉक्यूमेंट तैयार करें
मुख्यमंत्री ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से कहा कि वह ई गवर्नेंस के अगले 5 वर्षों का विजन डॉक्यूमेंट तैयार करे. इसके तहत किस तरह नए-नए तकनीकों को सरकारी कार्यों में बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है, इसकी जानकारी हो. बदलते समय के साथ ई- गवर्नेंस व्यवस्था को पारदर्शी बनाने में यह बेहद कारगर साबित होगा.
सरकारी दस्तावेजों का जल्द से जल्द डिजिटलाइजेशन हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागों में पुरानी-पुरानी फाइलों का अंबार है. यह व्यवस्था खत्म होनी चाहिए. उन्होंने सभी महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन जल्द से जल्द पूरा करने को कहा. उन्होंने यह भी कहा कि जिन फाइलों और दस्तावेजों की अब कोई उपयोगिता नहीं है, उसके निष्पादन की भी व्यवस्था की जाए.
ऑफिस सिक्योरिटी की व्यवस्था पुख्ता हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय एवं संलग्न कार्यालयों में कर्मियों और सरकारी वाहनों के प्रवेश के लिए चिप-आधारित ई-पास की व्यवस्था बनाई जाए. इसके अलावा सचिवालय के सभी प्रवेश द्वारों पर सेंसर ग्लासेज की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि सिर्फ ई-पास वाले व्यक्ति ही अंदर प्रवेश कर सकें. इससे अवांछित लोगों के सचिवालय में प्रवेश को नियंत्रित किया जा सकेगा और यह ऑफिस सिक्योरिटी के दृष्टिकोण से काफी बेहतर साबित होगा. सचिवालय में कार्य कर रहे आईआईटी और प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों से शिक्षा प्राप्त कर्मियों की आईटी के क्षेत्र में सेवा लें. मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय और संलग्न कार्यालयों में कई ऐसे कर्मी कार्य कर रहे हैं, जिन्होंने आईआईटी और प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों से शिक्षा प्राप्त किया है. मुख्यमंत्री ने ऐसे तकनीकी विशेषज्ञ की लिस्ट बनाने को कहा और उनकी सेवा को सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों में विशेष रूप से लेने के निर्देश दिए.
बैठक में ये थे मौजूद
जैप-आईटी की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव वंदना डाडेल, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सूचना प्रौद्योगिकी और ई गवर्नेंस विभाग के सचिव केएन झा, जैप-आईटी के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी (सीईओ) श्री मनोज कुमार मौजूद थे.