गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में बोले सीएम हेमंत सोरेन, पूर्व सैनिक व रिटायर्ड पुलिस इस कारण नहीं बनते SPO
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि नक्सल विरोधी अभियान में उपयोग होने वाले हेलीकॉप्टर के खर्च का वहन भी एसआरइ मद से किये जाने की अनुमति देने के साथ ही गृह मंत्रालय की अधिकार प्राप्त समिति से पूर्व अनुमोदन की अनिवार्यता को समाप्त किया जाये.
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार के एसआरइ (सिक्यूरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर) गाइडलाइन के अनुसार भूतपूर्व सैनिकों व रिटायर्ड पुलिस कर्मियों को ही एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफिसर) के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन सुरक्षा कारणों से भूतपूर्व सैनिकों व रिटायर्ड पुलिसकर्मियों द्वारा एसपीओ की नियुक्ति में रुचि नहीं ली जा रही है. ऐसे में स्थानीय ग्रामीणों को एसपीओ के रूप में नियुक्त करने के लिए केंद्र सरकार अनुमति दे. श्री सोरेन शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित वामपंथ उग्रवाद की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे. उन्होंने एसआरइ योजना से बीमा मद को हटाने का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि झारखंड के तीन जिलों कोडरमा, रामगढ़ और सिमडेगा को भी एसआरइ जिला से अलग कर दिया गया है, लेकिन इन जिलों में प्रतिनियुक्त केंद्रीय सैनिक बलों के ऊपर किए गए खर्च की प्रतिपूर्ति एसआरइ मद से करने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने केंद्र को बताया कि राज्य में 91 फरार नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए एक लाख से एक करोड़ रुपये तक के पुरस्कार की घोषणा की गयी है. वर्ष 2022 में 90 व वर्ष 2023 में अगस्त तक कुल 97 नक्सली हिंसा की घटनाएं हुई हैं. राज्य सरकार केंद्रीय की एनआइए व एनसीबी जैसी एजेंसी के साथ समन्वय बना कर नक्सली संगठनों के आय के स्रोत पर रोक लगाने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है. सीएम ने कहा कि बूढ़ा पहाड़ जैसे दुर्गम स्थान को केंद्र सरकार के सहयोग से नक्सलियों से मुक्त करा लिया गया है. गहन सर्वेक्षण करा कर इस क्षेत्र की छह पंचायत के विकास के लिए कार्य योजना तैयार कर योजना को लागू करने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है.
20 महीने में 762 नक्सली गिरफ्तार
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि नक्सल विरोधी अभियान में उपयोग होने वाले हेलीकॉप्टर के खर्च का वहन भी एसआरइ मद से किये जाने की अनुमति देने के साथ ही गृह मंत्रालय की अधिकार प्राप्त समिति से पूर्व अनुमोदन की अनिवार्यता को समाप्त किया जाये. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से जनवरी 2022 से अगस्त 2023 तक 762 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया. इनमें स्पेशल एरिया कमेटी के तीन, रीजनल कमेटी के एक, जोनल कमांडर 10, सब जोनल कमांडर 16 और एरिया कमांडर 25 शामिल हैं. वहीं 20 नक्सली भी पुलिस मुठभेड़ में मारे गये हैं. 1160 आइइडी व 76 हथियार भी बरामद हुए हैं. 37 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण समर्पण किया है.
91 फरार नक्सलियों की गिरफ्तारी पर एक करोड़ तक का इनाम
मुख्यमंत्री ने केंद्र को बताया कि राज्य में 91 फरार नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए एक लाख से एक करोड़ रुपये तक के पुरस्कार की घोषणा की गयी है. वर्ष 2022 में 90 व वर्ष 2023 में अगस्त तक कुल 97 नक्सली हिंसा की घटनाएं हुई हैं. राज्य सरकार केंद्रीय की एनआइए व एनसीबी जैसी एजेंसी के साथ समन्वय बना कर नक्सली संगठनों के आय के स्रोत पर रोक लगाने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है. 28 नक्सली नेताओं की चल-अचल संपत्ति जब्त की गयी है. इस वर्ष लगभग 5,500 एकड़ भूमि से अफीम की खेती नष्ट किया गया है. इसके अलावा उग्रवादी घटनाओं से संबंधित कांडों का अनुसंधान व अभियोजन की बेहतरी के लिए जिलों में स्पेशल मॉनिटरिंग सेल का गठन किया गया है. राज्य में 2014 से यूएपीए के तहत दर्ज 599 कांडों में से 426 में आरोप पत्र दाखिल किया गया है. जबकि 21 संवेदनशील कांडों का अनुसंधान एनआइए को सौंपा गया है. शीर्ष नक्सलियों के परिजनों की भी निगरानी की जा रही है. पड़ोसी राज्यों बिहार, छत्तीसगढ़, बंगाल, उड़ीसा, तेलंगाना व उत्तर प्रदेश के साथ बेहतर समन्वय बना कर ससमय सूचनाओं का आदान-प्रदान भी किया जा रहा है. पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ जनवरी 2022 से अगस्त 2023 तक कुल 38 सीमा बैठकें की जा चुकी है.
बैठक के महत्वपूर्ण बिंदु, जिन पर सीएम ने रखी बात
-मुख्यमंत्री ने नक्सल जिलों में सड़क व मोबाइल कनेक्टिविटी के सुधार पर जोर दिया. प्रथम चरण में 816 स्थापित मोबाइल टावर के फोर जी अपग्रेडेशन का काम बीएसएनएल कर रहा है. टीसीएस उपकरण नहीं मिलने से कार्य बाधित है. जबकि द्वितीय चरण में 1184 स्थानों के विरुद्ध राज्य सरकार ने 1173 स्थानों पर भूमि उपलब्ध करा दी है. शेष 11 स्थानों पर भी शीघ्र भूमि उपलब्ध करा दी जायेगी.
-बूढ़ा पहाड़ जैसे दुर्गम स्थान को केंद्र सरकार के सहयोग से नक्सलियों से मुक्त करा लिया गया है. गहन सर्वेक्षण करा कर इस क्षेत्र की छह पंचायत के विकास के लिए कार्य योजना तैयार कर योजना को लागू करने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है.
– बैंकों का नहीं मिल रहे अपेक्षित सहयोग का मामला मुख्यमंत्री ने उठाया. कहा कि बैंकों के असहयोग से अनुसूचित जनजाति समुदाय के अभ्यर्थियों को छोटे-छोटे ऋण की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है.
– मुख्यमंत्री ने डीएमएफटी की राशि खर्च करने को लेकर भारत सरकार की मार्गनिर्देशिका में परिवर्तन करने के प्रस्ताव कि 15 किमी के दायरे में ही राशि खर्च होगी, इसमें संशोधन करने की बात कही. उन्होंने कहा कि झारखंड दुर्गम व पहाड़ी इलाका है, इसे दायरे में बांधने से परेशानी होगी.
-मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने 91 एकलव्य मॉडल रेसीडेंशियल स्कूल स्वीकृत किए हैं. इनमें से 21 का निर्माण कर दिया गया है. सात विद्यालय संचालित हो रहे हैं. शेष 14 को इसी वित्तीय वर्ष में चालू करने की योजना है. जबकि 68 का निर्माण केंद्र द्वारा एजेंसी से कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के ओएसपी क्षेत्र में 29 व टीएसपी क्षेत्र में 32, प्रखंड ऐसे हैं, जहां आदिवासियों की संख्या 20 हजार से अधिक है. लेकिन वे 50 प्रतिशत की शर्त का पालन नहीं करते हैं. वहीं कुछ प्रखंडों में यह जनसंख्या 50 हजार से अधिक है. इसलिए मापदंड में 50 प्रतिशत की शर्त को समाप्त किया जाये, ताकि आदिवासी बहुल ग्रामीण क्षेत्रों को इसका का लाभ मिले.