Jharkhand News, रांची न्यूज : झारखंड शहादत देने में पीछे नहीं रहा. भगवान बिरसा मुंडा से लेकर फादर स्टेन स्वामी तक के जीवन को राज्यवासियों ने देखा है. फादर स्टेन स्वामी दलित, वंचित और आदिवासी समाज के प्रति सदैव संवेदनशील रहे. इनसे व्यक्तिगत रूप से मुलाकात हुई थी, तब यह पता नहीं था कि वे अपने जीवन काल में अमिट लकीर खींचते आ रहे हैं. सदियों बाद ऐसे लोगों का जन्म होता है. ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के नामकुम बगीचा में फादर स्टेन स्वामी की स्मृति में आयोजित सभा में कहीं.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि फादर स्टेन स्वामी का जीवन आसान नहीं था और वे साधारण व्यक्ति भी नहीं थे. अपने जीवन में उन्होंने हमेशा लोगों को रास्ता दिखाने का कार्य किया था. युगों बाद ऐसे लोग आते हैं, जिनके द्वारा किये गए कार्यों की छाप कभी नहीं मिटती. मुख्यमंत्री ने कहा जीवन है, तो मृत्यु भी है, लेकिन इस जीवनकाल में हमें सकारात्मक कार्य कर विदा लेना चाहिए.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि दलित, वंचित और आदिवासी समाज की भौतिकवादी युग में विकास की रफ्तार कम है. इसे बढ़ाने की जरूरत है. मैं अकेले यह कार्य नहीं कर सकता. इसके लिए सभी को व्यक्तिगत प्रयास करना होगा. हालांकि सरकार किसी भी योजना को दलित, वंचित और आदिवासियों की सहभागिता को ध्यान में ही रखकर धरातल पर उतारती है. सरकार इनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्राथमिकता दे रही है.
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स्मृति सभा में आर्च विशप एसजे रांची, एसएफएक्स थिओडोर मस्कारेन्हास, एसएफएक्स, ऑक्सीलिरी बिशप टेलोस्फर बिलुंग जमशेदपुर, फादर अजित खेस, फादर संतोष मिंज, फादर टोनी, प्रोवेनशियल, सिस्टर जनरल, सरना समिति के प्रतिनिधिगण समेत अन्य उपस्थित थे.
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Posted By : Guru Swarup Mishra