रांची विवि में वाई-फाई के एक्टिव नहीं होने पर सीएम हेमंत सोरेन ने मांगी रिपोर्ट
रांची विश्वविद्यालय समेत राज्य के अन्य विवि में वाई-फाई लगाने के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रिपोर्ट मांगी है
रांची : रांची विश्वविद्यालय समेत राज्य के अन्य विवि में वाई-फाई लगाने के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. ‘प्रभात खबर’ ने 11 अक्तूबर को रांची विवि में दो साल से वाइ-फाइ पर चार करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी अब तक शुरू होने से संबंधित खबर प्रकाशित की थी.
मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लिया. मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने विभाग को पत्र भेज कर मामले की जांच कर रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. पिछली सरकार के समय राज्य के सभी विवि को वाई-फाई से लैस करने के लिए योजना तैयार की गयी थी.
इसके लिए नेशनल इनफॉर्मेटिक सेंटर सर्विसेस इनकॉरपोरेटेड, नयी दिल्ली को काम दिया गया. रांची विवि मुख्यालय और मोरहाबादी स्थित कैंपस में वाई-फाई लगाने के मद में चार करोड़ रुपये आवंटित किये गये.
खास बात यह थी कि कंपनी का काम पूरा होने से पहले ही वर्ष 2017 में उसे राशि का भुगतान एडवांस में कर दिया गया. योजना के तहत विश्वविद्यालय मुख्यालय सहित मोरहाबादी स्थित कैंपस, अंगीभूत कॉलेजों में वाई-फाई की सुविधा विद्यार्थियों, शिक्षकों को प्रदान करनी थी. परीक्षण के तौर पर कुछ दिन के लिए इसे एक्टिव भी किया गया था, लेकिन फिर बंद कर दिया गया.
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि कंपनी ने अब तक वाई-फाई प्रणाली विश्वविद्यालय को हैंडअोवर ही नहीं किया है. विश्वविद्यालय ने कई बार उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को पत्र लिख कर वाई-फाई के संबंध में जानकारी मांगी, लेकिन विभाग से किसी पत्र का जवाब नहीं दिया गया.
posted by : sameer oraon