Jharkhand News: सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी को लिखा पत्र, रवि केजरीवाल पर लगाये गंभीर आरोप
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी को चिठ्ठी लिखी है. इसे लेकर वो ईडी कार्यालय गये हैं. इसमें उन्होंने लिखा है कि मेरी सरकार आने बाद से पत्थर खनन से मिलने वाली रॉयल्टी में वृद्धि दर्ज की गई है.
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी को एक चिठ्ठी लिखी है. इसे लेकर वो आज गुरुवार को ईडी कार्यालय गये. इसमें उन्होंने लिखा है कि मेरी सरकार आने बाद से पत्थर खनन से मिलने वाली रॉयल्टी में वृद्धि दर्ज की गई है. गौरतलब है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी के समक्ष पेश हुए. इससे पहले उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा पर जमकर हमला बोला और अपने ऊपर लगे सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा किये गये विकास कार्य रास नहीं आ रहे हैं. इसलिए बीजेपी सरकार को अपदस्थ करने की कोशिश में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से मुझे समन भेजा गया है, उससे ऐसा लगता है कि मैं देश छोड़कर भाग रहा हूं.
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी कार्यालय जाने से पहले मीडिया को संबोधित कर रहे थे. जहां उन्होंने कहा कि आज ईडी कार्यालय जा रहा हूं और उनसे कार्रवाई की वजह पूछूंगा. सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी को चिठ्ठी लिखी है. इसे लेकर वो ईडी कार्यालय गये हैं. इसमें लिखा है कि मेरी सरकार आने बाद से पत्थर खनन से मिलने वाली रॉयल्टी में वृद्धि दर्ज की गई है.
क्या लिखा है पत्र में
सीएम हेमंत सोरेन द्वारा ईडी के सहायक निदेशक को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि 29 दिसंबर 2019 को मेरे कार्यभार संभालने के बाद से पत्थर खनन से प्राप्त होने वाली रॉयल्टी में वृद्धि दर्ज की गई है. दो साल कोरोना से जूझने के बावजूद रॉयल्टी 270 करोड़ रुपये से बढ़कर 360 करोड़ रुपये हो गयी है.
खनन विभाग के आंकड़े के अनुसार पिछले दो वर्षों में पूरे झारखंड में लगभग 9 करोड़ मीट्रिक टन पत्थर का खनन हुआ है. इसमे 80% बोल्डर, 35% स्टोन चिप्स एवं 5% स्टोन डस्ट है. इस 9 करोड़ मीट्रिक टन में से करीब 20% पत्थर का खनन साहेबगंज जिले में हुआ है.
झारखंड को 95 रुपये प्रति मीट्रिक टन रॉयल्टी बोल्डर पर, 175 रुपये प्रति मीट्रिक टन रॉयल्टी स्टोन चिप्स पर एवं 18 रुपये प्रति मीट्रिक टन स्टोन डस्ट पर रॉयल्टी प्राप्त होती है. इस प्रकार भारित औसत के आधार पर राज्य को 120 रुपये प्रति मीट्रिक टन रॉयल्टी पत्थर खनन से प्राप्त होती है.
दो वर्षों में 8 करोड़ मीट्रिक टन पत्थर के परिवहन के लिए 20,000 से अधिक रेलवे रेक या 33 लाख से अधिक ट्रक की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि एक रेलवे रेक की क्षमता 4000 मीट्रिक टन एवं एक ट्रक की क्षमता 25 मीट्रिक टन होती है. रेलवे बगैर माइनिंग / मिनरल चालान के लोडिंग की अनुमति नहीं देता है.
2 वर्षों में समेकित रूप से कुल 750 करोड़ रुपये रॉयल्टी के रूप में प्राप्त हुए हैं. मुझे लगता है कि आपने उक्त तथ्यों एवं आंकड़ों को साहिबगंज में 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन का आरोप लगाने के पहले संज्ञान में नहीं लिया है. ED को बगैर तथ्यों एवं आंकड़ों का सत्यापन किये बिना 1000 करोड़ रुपये का अवैध खनन संबंधी सनसनीखेज वक्तव्य जारी करना शोभा नहीं देता है. वह भी तब जब पिछले करीब 1 वर्ष से जांच की जा रही है एवं 50 से अधिक रेड किए जा चुके हैं.
इसके अतिरिक्त यह भी प्रतीत होता है कि मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने रवि केजरीवाल के माध्यम से मुझे अवैध खनन में फंसाने के लिए बयान दिलवाए हैं. रवि केजरीवाल JMM का एक सदस्य था एवं वर्ष 2020 में निष्कासित किया जा चुका है. इसके बाद उसके खिलाफ जेएमएम के द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई थी. तब से रवि केजरीवाल मेरा दुश्मन बन चुका है. मुझे आश्चर्य नहीं होगा यदि उन्होंने मुझसे व्यक्तिगत प्रतिशोध लेने के लिए मेरे ऊपर गलत आरोप लगाये.
मुझे आशा ही नहीं, पूर्ण विश्वास है कि ईडी अपने दावा पर पुनर्विचार करेगी एवं सनसनीखेज बयानों से परहेज करेगी, जो तथ्य एवं आंकड़ों के द्वारा सत्यापित नहीं हो क्योंकि ऐसा गैर जिम्मेवार बयान न केवल राज्य के संबंधित विभाग एवं उसके कर्मियों की छवि धूमिल करता है बल्कि झारखंड राज्य की छवि भी खराब होती है.
ED से अपेक्षा की जाती है कि वो निष्पक्ष रूप से बगैर किसी ऐजेंडा एवं मोटिव के जांच करें. मैंने संविधान के पालन करने की शपथ ली है एवं इस देश के ईमानदार नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन एवं कानून की मान्यता रखने के लिए आपके कार्यालय में आज निर्गत सम्मन के अनुपालन में उपस्थित रहूंगा.