मणिपुर मामले को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखा पत्र, कहीं ये बातें
मणिपुर हिंसा के दौरान दो महिलाओं के साथ हुए जघन्य अपराध के बाद पूरे देश में मणिपुर और केंद्र सरकार दोनों के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है. झारखंड में भी इस घटना को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मणिपुर मामले को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है.
Jharkhand News. मणिपुर हिंसा के दौरान दो महिलाओं के साथ हुई घटना देश को शर्मशार कर रही है. इस जघन्य अपराध के बाद पूरे देश मणिपुर और केंद्र सरकार दोनों के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है. झारखंड में भी इस घटना को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. अब राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मणिपुर मामले को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है. उन्होंने मणिपुर में हिंसा पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह सबसे अंधकारमय समय है और साथी नागरिक के रूप में, हम सभी मानवीय गरिमा के इस पूर्ण नुकसान से व्यथित और चिंतित हैं. भारत मणिपुर के साथ खड़ा है, मणिपुर को ठीक होना चाहिए और एक राष्ट्र के रूप में हमें मदद करनी चाहिए.
क्रूरता के सामने चुप्पी साधना भी अपराध : सीएम हेमंत सोरेन
क्रूरता के सामने चुप्पी साधना भी भयानक अपराध है. इसलिए मणिपुर में जारी हिंसा के दौर को पर भारी दिल और गहरे दुख के साथ मैं आपको यह पत्र लिखने के लिए बाध्य हो गया. झारखंड के मुख्यमंत्री और देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मणिपुर घटना को लेकर काफी व्यथित और चिंतित हूं, जिसमें अब तक सैंकड़ों निर्दोष लोगों की जानें चली गई हैं, कितने संपत्ति की क्षति पहुंची है, महिलाओं के साथ इतना गंदा व्यवहार किया गया कि जिसका जिक्र तक नहीं किया जा सकता और प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले कई जातीय समुहों में असुरक्षा की गंभीर भावना है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कदम उठाने की अपील
सीएम ने लिखा कि दो दिन पहले मणिपुर का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ, जिसमें महिलाओं के साथ ऐसी बर्बरता दिखी है, जिसके बारे में जिक्र भी नहीं किया जा सकता. इस वीडियो ने हम सभी को व्याकुल कर दिया. इस घटना की निंदा करते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से आगे का रास्ता ढूंढने और न्याय सुनिश्चित करने और मणिपुर की शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की अपील की है.
मिल रहा मौन समर्थन, हिंसा है जारी
पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर दो महीने से ज्यादा समय से जल रहा है. जानकारी के अनुसार, मणिपुर में बच्चों सहित 40 हजार से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं और अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं. कुछ निहित स्वार्थों की वजह से मौन समर्थन के साथ, यह जातीय हिंसा बेरोकटोक जारी है, जो दुःखद है. मणिपुर से कई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों ने भी मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए केंद्र सरकार से अपील की है.
मणिपुर में शांति, एकता समाप्त होने जैसा प्रतीत
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि दो पहले पूर्व मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ जिस तरह से बर्बरतापूर्ण व्यवहार हुआ, वह अत्यंत चिंतनीय और निंदनीय है. इस घटना ने पूरे देश को अंदर तक झकझोर कर रख दिया है. भारत के संविधान में देशवासियों को प्राप्त सम्मान के अधिकार को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है. एक समाज को कभी भी उस हद तक नहीं जाना चाहिए, जहां लोगों को उस तरह की शारीरिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक क्रूरता का सामना करना पड़े, जैसा हमने मणिपुर में देखा है. ऐसा प्रतित होता है कि मणिपुर में शांति, एकता और न्याय समाप्त होने के कगार पर है.
कदम उठाएं महामहिम
राष्ट्रपति से मुख्यमंत्री ने पत्र में आग्रह किया है कि मणिपुर और देश के सामने संकट की इस घड़ी में हम आपको आशा और प्रेरणा के अंतिम स्रोत के रूप में देखते हैं जो इस कठिन समय में मणिपुर के लोगों को रोशनी दिखा सकतीं हैं. इसलिए इस विकट परिस्थिति में आगे का रास्ता दिखाने, न्याय सुनिश्चित करने और मणिपुर की शांति एवं सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की अपील करता हूं. हमें अपने साथी आदिवासी भाइयों और बहनों के साथ हो रहे बर्बर व्यवहार को रोकना होगा. मणिपुर की स्थिति ठीक होनी चाहिए. मणिपुर को मरहम की जरूरत है. एक देश के रूप में हमें आगे आकर मदद करनी होगी.
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बता दें कि झारखंड में भी मणिपुर की घटना को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी कड़ी में जमशेदपुर में विरोध जारी है. आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने भी मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ हुई दरिंदगी, बलात्कार और हत्या मामले को लेकर शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक मांग पत्र भेजा है.