मॉब लिंचिंग बिल को लेकर सीएम हेमंत का मोदी सरकार पर निशाना,बोले- केंद्र की प्राथमिकता में होना चाहिए था यह बिल
jharkhand news: एंटी मॉब लिंचिंग बिल को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. कहा कि केंद्र सरकार को इस बिल को प्राथमिकता में रखते हुए इसे सदन में रखना चाहिए था. वहीं, दूसरी ओर झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस बिल को राज्य सरकार ने ध्वनिमत से पारित कराया है.
Jharkhand news: झारखंड सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मॉब लिंचिंग विधेयक को पारित किया है. विपक्ष के बहिष्कार और आंशिक संशोधन के बाद राज्य सरकार ने इस बिल को सदन से पारित कराया. इस पर सीएम हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मॉब लिंचिंग बिल को प्राथमिकता में रखकर इसे संसद से पारित कराते, लेकिन उनकी प्राथमिकता में सिर्फ और सिर्फ लोगों के बीच भेदभाव पैदा करना है.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि मॉब लिंचिग बिल जरूरी है. इसी को ध्यान में झारखंड सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस विधेयक को पारित किया है. कहा कि राज्य सरकार इसके प्राथमिकता में रखकर इसे पारित कराया. केंद्र सरकार को इस बिल को लाना चाहिए था.
सीएम श्री सोरेन ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार को मॉब लिंचिंग बिल को सदन में रखने को पहली प्राथमिकता होनी चाहिए थी, लेकिन उनकी प्राथमिकता देश में वैमनस्य पैदा करना और लोगों के बीच भेदभाव करना है. इस कारण इसे अपनी प्राथमिकता में इसे नहीं रखा.
बता दें कि गत 21 दिसंबर, 2021 को झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में राज्य सरकार ने मॉब लिंचिंग विधेयक (भीड़ हिंसा व भीड़ लिचिंग निवारण विधेयक-2021) को सदन में ध्वनिमत से पारित कराया. इसके तहत अब किसी का सामाजिक या व्यावसायिक बहिष्कार करना भी मॉब लिंचिंग कहलायेगा.
दो या दो से अधिक लोगों द्वारा हिंसा करने पर इसे कानून की नजरों में मॉब लिचिंग माना जायेगा. मॉब लिचिंग में मौत होने पर दोषी को आजीवन कारावास और 5 से 25 लाख तक के जुर्माने की सजा होगी. प्रभारी गृह मंत्री आलमगीर आलम ने सदन में इस विधेयक को पेश किया था.
Posted By: Samir Ranjan.