Jharkhand News: वर्ष 2021 में आरक्षण की मांग को लेकर सीएम हाउस घेराव के दौरान सरकारी कामकाज में बाधा डालने के आरोपी आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो, रामचंद्र सहिस, चंद्रप्रकाश चौधरी व लंबोदर महतो को झारखंड हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी है. सोमवार को हाइकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने प्रार्थियों की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने याचिका स्वीकार कर लिया. साथ ही उन्हें सशर्त अग्रिम जमानत की सुविधा प्रदान की.
अदालत ने प्रार्थियों को विक्टिम कंपनसेशन के रूप में 80,000 रुपये जमा करने का निर्देश दिया. यह अंतरिम विक्टिम कंपनसेशन राशि डिमांड ड्राफ्ट के रूप में घटना में जख्मी हुए पुलिस कर्मी सोनू कुमार वर्मा, निशा कुमारी, संगीता कुमारी, विकास कुमार सिंह, सुषमा कुमार, सुमन लकड़ा, निर्मला बा और सोना सोरेन को भुगतान किया जाये. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमित सिन्हा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि पुलिस द्वारा लगाया गया आरोप सही नहीं है. झूठा आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इसी मामले में डॉ देवशरण भगत व शिवपूजन कुशवाहा को अग्रिम जमानत मिल चुकी है. उन्होंने अदालत से अग्रिम जमानत देने का आग्रह किया.
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उल्लेखनीय है कि प्रार्थी रामचंद्र सहिस व अन्य की ओर से अग्रिम जमानत याचिका दायर की गयी थी. आठ सितंबर 2021 को आजसू पार्टी की ओर से आरक्षण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया था. मोरहाबादी मैदान से जुलूस मुख्यमंत्री आवास की ओर रवाना हुआ. इसी दौरान पुलिस से झड़प हो गयी. इसमें कई पुलिस अधिकारी व कर्मी घायल हो गये. इस मामले में पुलिस ने लालपुर थाना में कांड संख्या- 201/2021 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. उसमें डॉ देवशरण भगत, शिवपूजन कुशवाहा, रामचंद्र सहिस, सुदेश महतो, चंद्रप्रकाश चौधरी, लंबोदर महतो व अन्य को आरोपी बनाया गया था.
रिपोर्ट: राणा प्रताप