श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि पिछली सरकार को ना किसानों की चिंता थी ना मजदूरों की. वर्तमान सरकार मजदूरों के हित में कई काम कर रही है. असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का निबंधन कराया जा रहा है. उनको चिकित्सा प्रतिपूर्ति मिल रही है. मौत होने पर 10 हजार रुपये कफन के लिए भी दिया जाता है. शादी के समय 30 हजार रुपये मिलता है. मजदूर का उम्र 60 साल से अधिक हो जाने पर प्रतिमाह एक हजार रुपये दिया जाता है. अब सरकार 80 प्रखंडों में मुख्यमंत्री सारथी योजना लाने जा रही है.
इसमें युवाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा. प्रशिक्षण के बाद एक माह तक रोजगार नहीं मिलने पर युवाओं को एक हजार तथा युवतियों को 1500 रुपये प्रतिमाह दिया जायेगा. मंत्री श्रम, ऊर्जा, वाणिज्यकर, खान, राजस्व एवं भू निबंधन विभाग की अनुदान मांग पर चर्चा के बाद सरकार का जवाब दे रहे थे. जवाब का विपक्ष ने बहिष्कार किया. बाद में श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग का नौ अरब, 85 करोड़ 84 लाख 69 हजार रुपये का अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित हो गया.
कटौती प्रस्ताव पेश करते हुए मनीष जायसवाल ने कहा कि एसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक देश में कुल 378 दंगे बीते साल हुए हैं. उसमें 100 से अधिक दंगे केवल झारखंड में हुए हैं. दंगे के लिए बदनाम यूपी जैसे राज्य में एक भी दंगा नहीं हुआ. असल में झारखंड में सरकार तुष्टीकरण कर रही है. बहुसंख्यकों की भावना से खेल रही है. धर्म के नाम पर दूसरों को छूट दी जा रही है. विधानसभा में नमाज कक्ष का आवंटन होता है.
ढुलू महतो ने कहा कि रघुवर दास की सरकार में ट्रांसफॉरमर खराब होने पर एक घंटे में मिल जाता था. आज कई दिनों में नहीं मिलता है. राज्य में बिजली की स्थिति बहुत खराब है. तार गिर जाने पर कई दिनों तक नहीं बनता है. 120 सब स्टेशन बन कर तैयार है, शुरू नहीं हो रहा है. इस राज्य में गरीबों की आवाज उठानेवालों को दबाया जा रहा है.
सदन में पहली बार बजट चर्चा में भाग लेते हुए नवनिर्वाचित विधायक सुनीता चौधरी ने कहा कि सरकार ने पीजी पास बेरोजगारों को सात और स्नातक वालों को पांच हजार रुपये देने की घोषणा की थी. अब तक नहीं मिली. बेरोजगारों को नौकरी नहीं मिल रही है. 75 फीसदी निजी लोगों को आरक्षण देने के आदेश का पालन निजी कंपनियां नहीं कर रही है.
विनोद सिंह ने कहा कि सरकार अपने यहां काम करने वाले कई कर्मियों को न्यूनतम मजदूरी नहीं देती है. कई ऐसे कर्मी है, जिनको साल में पांच 10 हजार रुपये मिलता है. सरकार की नजर में न्यूनतम मजदूरी एक कानून नहीं है. बैजनाथ राम ने कहा कि अंचल कार्यालयों में अभी भी भ्रष्टाचार है. आम आदमी की नहीं सुनी जाती है.