रांची के सर्वेश साबू ने किया कमाल, कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंट परीक्षा में बना ऑल इंडिया टॉपर

कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंट परीक्षा यानी कि सीएमए इंटरमीडिएट के फाइनल रिजल्ट आ चुका है. जिसमें रांची का सर्वेश साबू 619 नंबर लाकर टॉपर बना है. वो अपर बाजार स्थित कार्ट सराय रोड में रहता है

By Prabhat Khabar News Desk | February 20, 2022 9:15 AM

रांची : रांची के लिए गर्व की बात है. कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंट (सीएमए) इंटरमीडिएट परीक्षा में दोनों ग्रुप पास कर रांची का सर्वेश साबू ऑल इंडिया टॉपर बन गया है. कुल 800 नंबर की परीक्षा में उसने 619 अंक हासिल किये हैं. रांची के अपर बाजार स्थित कार्ट सराय रोड में रहनेवाले सर्वेश साबू के पिता अरुण साबू व्यवसायी और मां रंजना साबू गृहिणी हैं.

द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउंटेंट ऑफ इंडिया ने दिसंबर 2021 में आयोजित सीएमए इंटरमीडिएट और फाइनल का रिजल्ट जारी किया है. रांची से विभिन्न वर्गों में कुल 73 और फाइनल के विभिन्न वर्गों में कुल 15 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं. इस बार फाइनल परीक्षा पास कर रांची से कॉस्ट एकाउंटेंट बननेवाले कुल नौ विद्यार्थी हैं.

इनमें ऋचा लखियार, सुभाष कुमार सोनी, खुशबू परवीन, लाल सूरज नाथ शाहदेव, मनीष कुमार, ट्विंकल अग्रवाल, अनुराधा कुमारी, आरिफ बिलियाह, मो फखरूद्दीन अली अहमद हैं. रांची चैप्टर के अध्यक्ष अरुणजय कुमार सिंह ने कहा कि सभी छात्रों को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है.

कॉन्फिडेंस नहीं खोयें, मस्ती से करें पढ़ाई : सर्वेश

रांची. कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंट (सीएमए) इंटरमीडिएट परीक्षा में ऑल इंडिया टॉपर रहे सर्वेश साबू ने कहा कि परीक्षा के समय कभी भी आत्मविश्वास नहीं खोना चाहिए. खुद पर पूरा भरोसा रखें. मस्ती के साथ पढ़ाई करें. हर पल को इंज्वॉय करते रहें. आप जरूर अच्छा करेंगे. टेंशन लेने से कुछ नहीं होता है.

सर्वेश ने कहा कि कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंट की पढ़ाई करने के लिए मेरी बहन ने मोटिवेट किया. मेरी बहन ने ही कहा था कि इसमें काफी स्कोप है. इसके बाद मैंने कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंट की पढ़ाई शुरू कर दी. वहीं, मेरी बहन वर्तमान में सीए की पढ़ाई कर रही हैं.

जबकि, मेरे बड़े पापा अशोक साबू सीए और कजन सिस्टर सीएस हैं. सर्वेश ने कहा कि परीक्षा सेंटर बूटी मोड़ के एक कोने पर था. दुकान देखने के साथ सेंटर पर छोड़ने के लिए पापा जाते थे. इस दौरान एक दिन में उन्हें दो-दो बार आना-जाना पड़ता था. उन्होंने काफी मेहनत की.

Posted By: Sameer Oraon

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