रांची : झारखंड की बेरोजगारी दर 2021 के दिसंबर माह में 17.3 फीसदी हो गयी है. यह पिछले पांच साल के दिसंबर माह की बेरोजगारी दर में सबसे अधिक है. 2016 के दिसंबर में राज्य की बेरोजगारी दर सबसे न्यूनतम 1.9 फीसदी थी. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी प्राइवेट लिमिटेड (सीएमआइइ) से जारी आकड़ों के अनुसार बेरोजगारी दर के मामले में झारखंड देश में तीसरे पायदान पर है.
देश में सबसे अधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में है. यहां करीब 34.1 फीसदी बेरोजगारी दर है. राजस्थान का 27.1 फीसदी है. इसके बाद झारखंड का ही नंबर आता है. पड़ोसी राज्य बिहार की बेरोजगारी दर 16 फीसदी है. पूरे देश की औसत बेरोजगारी दर दिसंबर माह में 7.84 फीसदी रही.
झारखंड की बेरोजगारी दर कोरोना काल के दौरान बहुत अधिक बढ़ गयी थी. देश-विदेश में काम करनेवाले कई लोग काम छोड़कर लौट गये थे. इस कारण बेरोजगारी दौर तेजी से बढ़ी थी. कोरोना के कमजोर होने के बाद स्थिति सुधरने लगी थी.
सरकारी स्तर पर रोजगार सृजन के लिए कई प्रयास हुए थे. इस कारण बेरोजगारी दर 7.6 फीसदी के आसपास तक पहुंच गयी थी. जुलाई 2020 से सितंबर 2021 तक बेरोजगारी दर आठ से 13 फीसदी के बीच आ गयी थी.
संस्था करीब 11100 घरों का हर सप्ताह सर्वे कराती है. चार माह तक लगातार सर्वे कराने के बाद नतीजा तय करती है. चार माह के सर्वे का जो अंतिम माह होता है, उससे माह की बेरोजगारी दर का निर्धारण होता है. रोजगार में 15 साल से अधिक उम्र के लोगों को शामिल किया जाता है. रोजगार की चाह रखनेवाले ऐसे लोगों को कम से कम 100 दिनों तक रोजगार नहीं मिलता है, तो उन्हें इस सूची में शामिल किया जाता है.
2016 1.9
2017 8.3
2018 11.6
2019
2020
2021 17.0
विनोबा भावे विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और जाने-माने अर्थशास्त्री डॉ रमेश शरण कहते हैं कि जब तक झारखंड अपने यहां के उत्पादों के लिए प्लांट नहीं लगायेगा, नियमित रोजगार का सृजन नहीं होगा. झारखंड खान-खनिज का उत्पादक राज्य है, लेकिन इसकी प्रोसेसिंग दूसरे राज्यों में होती है. इससे यहां रोजगार पैदा नहीं हो रहे. मनरेगा रोजगार सृजन का अच्छा जरिया हो सकता है.
कर्नाटक 1.4
गुजरात व ओड़िशा 1.6
छत्तीसगढ़ 2.1
तेलंगाना 2.2
मध्य प्रदेश 3.4
हरियाणा 34.1
राजस्थान 27.1
झारखंड 17.3
बिहार 16.0
जम्मू-कश्मीर 15.0
Posted by : Sameer Oraon