झारखंड, हरियाणा समेत देश में ग्रामीण क्षेत्रों की बेरोजगारी दर बढ़ी, जानें क्या है इसकी वजह
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग की आंकड़ों के मुताबिक जून में बेरोजगारी दर 8.45 प्रतिशत जा पहुंची है. जबकि मई के माह में बेरोजगारी दर 7.68 फीसदी थी. इस संस्था की मानें तो ये तीसरा महीना जब बेरोजगारी दर 8 फीसदी से अधिक रही है
झारखंड समेत पूरे देश में पूरे देश में बेरोजगारी दर बढ़ गयी है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इकॉनोमी यानी कि सीएमआईई ने जुलाई मंथ का डाटा जारी किया है. जिसके मुताबिक जून में बेरोजगारी दर बढ़कर 8.45 प्रतिशत हो गयी है. सबसे अधिक बेरोजगारी की दर ग्रामीण इलाकों में देखने को मिली है. रिसर्च करने वाली संस्था का मानना है कि ग्रामीण इलाकों जून के माह में हमेशा ही बढ़ोतरी देखने को मिलती है. इसका बड़ा कारण है गांव में जून के माह कृषि से जुड़े कार्य हम होते हैं इसलिए रोजगार के मौके घट जाते हैं.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग की आंकड़ों के मुताबिक जून में बेरोजगारी दर 8.45 प्रतिशत जा पहुंची है. जबकि मई के माह में बेरोजगारी दर 7.68 फीसदी थी. इस संस्था की मानें तो ये तीसरा महीना जब बेरोजगारी दर 8 फीसदी से अधिक रही है. हालांकि जून के माह में बेरोजगारी दर बढ़ने का एक और बड़ा कारण है कि इस महीने में लेबर की डिमांड घट जाती है. हालांकि शहरी इलाकों की बेरोजगारी में गिरावट आयी है. फिलहाल इसकी दर 7.87 फीसदी है.
सबसे कम बेरोजगारी दर वाला राज्य छत्तीसगढ़
झारखंड में बेरोजगारी की दर देश के औसत से कम है. आंकड़ों की मानें तो पिछले कुछ वर्षों में इसकी गिरावट देखने को मिली है. साल 2017-18 में झारखंड की बेरोजगारी दर सभी आयु वर्ग में 7.7 फीसदी थी तो ये वर्ष 2020-21 में ये घटकर 3.3 फीसदी हो गयी. देश में सबसे अधिक बेरोजगारी वाले राज्य में झारखंड सातवें स्थान पर है. वहीं देश का सबसे कम बेरोजगारी वाला राज्य में छत्तीसगढ़ 1.6 फीसदी के साथ पहले स्थान पर हैं. देश में सबसे अधिक बेरोजगारी के मामले में हरियाणा 24.6 फीसदी के साथ टॉप पर है.