CNT-SPT Act के तहत आने वाली जमीन के अवैध हस्तांतरण की रिपोर्ट नहीं दे रहे DC, अब कमेटी क्या होगा अगला कदम
सीएनटी-एसपीटी एक्ट के तहत आने वाली जमीन का अवैध हस्तांतरण की रिपोर्ट झारखंड के कई जिलों के डीसी नहीं दे रहे हैं. कमेटी के संयोजक विधायक स्टीफन मरांडी ने इस मामले में रिपोर्ट मांगी थी उनके जिलों में ऐसे कितने मामले हैं.
सीएनटी-एसपीटी एक्ट में आने वाली जमीन के अवैध हस्तांतरण से संबंधित रिपोर्ट राज्य के कई डीसी विधानसभा की विशेष समिति को नहीं दे रहे हैं. सीएनटी-एसपीटी की धारा-49 में किये प्रावधान के विरुद्ध जमीन के अवैध हस्तांतरण को लेकर कमेटी के संयोजक व विधायक स्टीफन मरांडी ने राज्यभर के उपायुक्तों से रिपोर्ट मांगी थी कि उनके जिले में ऐसे कितने मामले हैं. स्टीफन मरांडी कमेटी के संयोजक और लोबिन हेंब्रम, रामचंद्र सिंह, केदार हाजरा और डॉ लंबोदर महतो सदस्य हैं.
उपायुक्तों से पीड़ित पक्ष से मिली शिकायत का ब्योरा भी मांगा गया था. लेकिन, कई जिलों ने जानकारी नहीं दी है. वहीं, कई जिलों के डीसी ने लिख कर दिया है कि उनके जिले में ऐसा कोई मामला नहीं है. कमेटी के संयोजक स्टीफन मरांडी ने कहा है कि आदिवासी जमीन के अवैध हस्तांतरण से संबंधित रिपोर्ट उपयुक्त नहीं भेज रहे हैं. यह गंभीर मामला है. आम लोग कमेटी के समक्ष शिकायत लेकर आ रहे हैं.
समिति अब आम लोगों से मिलने वाली शिकायतों की जांच करेगी. इसमें जिला स्तर पर लापरवाही या टालमटोल हुआ होगा, तो उपायुक्तों को कमेटी के समक्ष बुलाया जायेगा. जमीन के अवैध हस्तांतरण का मामला उपायुक्तों को ही देखना है. कमेटी आदिवासी जमीन की लूट को लेकर उपायुक्तों से जवाब मांगेगी.
विधानसभा में उठता रहा है मामला
विधानसभा में सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर जमीन की खरीद-बिक्री का मामला उठता रहा है. सदन के अंदर इस मामले को लेकर हो-हल्ला और हंगामा भी हुआ है. पिछले कई सत्रों में इस मामले को लेकर विधायकों ने प्रमाण भी दिया है. झामुमो विधायक चमरा लिंडा, दीपक बिरुआ, लोबिन हेंब्रम सहित कई विधायकों ने पिछले सत्रों में यह मामला सदन में उठाया था. इसके बाद विधानसभा ने स्टीफन मरांडी के नेतृत्व में कमेटी बनायी थी.
स्थल निरीक्षण कर रही कमेटी, प्रमाण मिला, तो तैयार की जायेगी रिपोर्ट
पीड़ितों की शिकायत की जांच के लिए कमेटी स्थल निरीक्षण कर रही है. इसी क्रम में बीआइटी मेसरा को लेकर मिली शिकायत पर स्थल निरीक्षण किया गया. इसमें जिला के अधिकारियों को भी बुलाया गया. संयोजक श्री मरांडी ने कहा कि हम दूसरे जिले में भी जायेंगे. शिकायत के आधार पर स्थल का निरीक्षण होगा. अवैध हस्तांतरण का प्रमाण मिलता है, तो रिपोर्ट तैयार की जायेगी.