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CNT, SPT एक्ट की भूमि पर चल रहे स्कूल कॉलेजों को भी मिलेगी मान्यता, शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने दी मंजूरी

जमीन की रजिस्ट्री नहीं होने के कारण झारखंड में फिलहाल 150 से अधिक स्कूल-कॉलेजों की मान्यता लंबित है. जबकि, प्रावधान के अनुरूप जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण स्कूल-कॉलेजों की मान्यता भी समाप्त हुई है

झारखंड में सीएनटी, एसपीटी एक्ट और लीज से प्रभावित भूमि पर चल रहे स्कूल-कॉलेजों को भी मान्यता मिलेगी. वर्तमान में इन जमीनों पर संस्था के नाम से जमीन की रजिस्ट्री नहीं होने के कारण मान्याता नहीं मिलती थी. नयी व्यवस्था के लिए नियमावली में बदलाव किया जा रहा है. संबंधित प्रस्ताव को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने स्वीकृति दे दी है

गौरतलब है कि काफी दिनों से इस नियमावली में बदलाव की मांग की जा रही थी. दरअसल, जमीन की रजिस्ट्री नहीं होने के कारण राज्य में फिलहाल 150 से अधिक स्कूल-कॉलेजों की मान्यता लंबित है. जबकि, प्रावधान के अनुरूप जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण स्कूल-कॉलेजों की मान्यता भी समाप्त हुई है. प्रस्तावित नयी नियमावली में जमीन के निबंधन की शर्त के साथ-साथ जमीन की आवश्यकता भी कम की गयी है. अब शहरी क्षेत्र में 75 डिसमिल और ग्रामीण क्षेत्र में एक एकड़ जमीन की जरूरत होगी.

संताल परगना प्रमंडल में जमीन के कारण वर्ष 2011 से स्कूल-कॉलेजों को मान्यता नहीं मिली है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल की पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मी सिंह ने जमीन के मुद्दे को लेकर स्कूल-कॉलेजों की मान्यता पर रोक लगा दी थी. इस संबंध में शिक्षा विभाग को भी पत्र लिखा गया था. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 के पूर्व संताल परगना में जमीन निबंधित नहीं होने पर दान पत्र के आधार पर शिक्षण संस्थानों को मान्यता मिल जाती थी.

जैक द्वारा मान्यता पर रोक लगाये जाने के बाद सरकार द्वारा कमेटी गठित की गयी थी. कमेटी ने अपनी अनुशंसा शिक्षा विभाग को सौंप दी थी, लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका था.

अबतक इसलिए नहीं मिलती थी मान्यता

मौजूदा समय में स्कूल-कॉले0जों की मान्यता के लिए यह जरूरी है कि जमीन संस्था के नाम से निबंधित हो. संताल परगना में एसपीटी एक्ट के कारण जमीन का निबंधन नहीं होता है. इसके अलावा बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद, हजारीबाग, रामगढ़ के बड़े इलाके में लीज के कारण जमीन का निबंधन नहीं होता है. सीएनटी एक्ट में भी जमीन का निबंधन कुछ शर्तों के साथ होता है. इस कारण मान्यता नहीं मिल पाती है.

अब नये नियम से मिलेगी मान्यता

स्कूल-कॉलेज जिस जमीन पर संचालित है, उस पर किसी प्रकार का विवाद नहीं हो. संचालनकर्ता का जमीन पर अधिकार हो. जमीन पर भवन बना हो. इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट संबंधित अंचल के सीओ से ली जायेगी. सीओ की रिपोर्ट के आधार पर मान्यता के प्रस्ताव पर विचार किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि वर्तमान में संताल परगना प्रमंडल में मदरसा के मान्यता को लेकर यह प्रावधान प्रभावी है.

राज्य में वर्षों से संचालित स्कूल-कॉलेजों को मान्यता नहीं मिल रही है. ऐसे में नियमावली में कुछ बदलाव किया जा रहा है. विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव पर सहमति दे दी गयी है. इसके आगे की प्रक्रिया जल्द पूरी की जायेगी. स्कूल-कॉलेज को लेकर जमीन की जो आवश्यकता पहले निर्धारित की गयी थी, उसे भी कम किया जायेगा.

जगरनाथ महतो, शिक्षा मंत्री

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