रांची : भारत सरकार के कैबिनेट कमेटी ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स (सीसीइए) ने कोयला के सभी प्रकार का इ-ऑक्शन एक साथ करने की अनुशंसा की है. कमेटी ने तय किया है कि सभी प्रकार के अॉक्शन को क्लब कर एक विंडो रखा जाये. इसमें पावर, नन पावर और कोयला के व्यापारी हिस्सा ले सकेंगे. कमेटी ने अनुशंसा की है कि इ-ऑक्शन के सफल उद्यमी रेल, रोड या किसी अन्य माध्यम से कोयला की ढुलाई कर सकेंगे.
मार्च माह तक पुरानी व्यवस्था के तहत ऑक्शन करने की अनुमति दी गयी है. इसके बाद कोल इंडिया को नया नियम बनाकर कोयला का ऑक्शन कराना होगा. सीसीइए के निर्णय से कोल इंडिया के निदेशक मार्केटिंग ने इसीएल, बीसीसीएल, सीसीएल, डब्ल्यूसीएल, एनसीएल, एसइसीएल और एमसीएल को अवगत कराया है.
अभी कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियां कोयला का अलग-अलग ऑक्शन करती हैं. पावर सेक्टर और फैक्टरी लिंकेज के लिए अलग-अलग ऑक्शन होता है. इसके अतिरिक्त एक सामान्य ऑक्शन होता है. पावर लिंकेज वैसे लोगों के लिए है, जो पावर कंपनी संचालित करते हैं. फैक्टरी का लिंकेज अभी सरकार ने बंद कर रखा है. अलग-अलग सेक्टर के लिए कंपनियों ने अलग-अलग मात्रा निर्धारित कर रखा है. सामान्य ऑक्शन में जहां के कोयला की नीलामी होनी होती है, उसका बेस प्राइस तय होता है. इसमें आसपास के स्थानीय लोग हिस्सा लेते हैं.
Posted By: Sameer Oraon