एक माह में झारखंड के तीन कोयला खदानों से कोयला का उत्पादन शुरू हो जायेगा. खान विभाग द्वारा आकलन किया गया है कि तीनों कोल ब्लॉक से उत्पादन आरंभ होने से राज्य को करीब 1500 करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजस्व का लाभ होगा. विभाग द्वारा तीनों कोयला खदानों के उत्पादन की मॉनिटरिंग की जा रही है, ताकि जल्द से जल्द उत्पादन हो सके.
बताया गया कि एनटीपीसी के चट्टी-बरियातू कोयला खदान से 29 सितंबर को पहली बार कोयला निकाला गया. पर कॉमर्शियल डिस्पैच लायक कोयला नहीं निकला है. अब अगले एक माह में कोयले का डिस्पैच भी आरंभ हो जायेगा. इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा इस कोयले पर रॉयल्टी भी आरंभ हो जायेगी.
एनटीपीसी के नोर्थ कर्णपुरा पावर प्लांट को कोयले की आपूर्ति की जायेगी. दिसंबर माह में यह पावर प्लांट भी आरंभ हो जायेगा. डीवीसी के तुबेद कोल ब्लॉक से भी अगले 20 दिनों से कोयला निकलना शुरू हो जायेगा. डीवीसी के पीआरओ अभय भयंकर ने बताया कि वहां तेजी से काम हो रहा है. अगले 20 दिनों से कोयले का डिस्पैच आरंभ कर दिया जायेगा. ये कोयला डीवीसी के विभिन्न पावर प्लांट को दिया जायेगा. वहीं पंजाब इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड को आवंटित पचुवारा सेंट्रल कोल ब्लॉक से भी उत्पादन एक माह में शुरू हो जायेगा.
खान विभाग के अधिकारियों की मानें तो इन तीनों कोल ब्लॉक के आरंभ होने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. एक कोल ब्लॉक से औसतन पांच से 10 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का अवसर मिलता है, जिसमें आसपास खुलने वाली दुकान, डंफर संचालक आदि शामिल हैं. तीनों कोल ब्लॉक से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.