रांची: झारखंड में इस वर्ष के अंत तक पांच नये कोल ब्लॉक चालू होनेवाले हैं. इनके चालू होने से न केवल रोजगार सृजन होगा, बल्कि सरकार के राजस्व में भी भारी इजाफा होगा. केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इन कोल ब्लॉक को चालू करने के प्रयास में जुटी हुई है. जितने भी प्रकार के क्लीयरेंस हैं, उनमें खान विभाग, वन विभाग व प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा तेजी से काम किया जा रहा है.
केंद्र सरकार ने सोमवार को समीक्षा बैठक में भी कोल ब्लॉक को ऑपरेशनल करने में राज्य सरकार से मदद की अपील की है. इधर विभाग द्वारा भी नियमित रूप से कोल ब्लॉक की समीक्षा की जा रही है. वहीं दूसरी ओर कोल ब्लॉक शुरू होने से रोजगार का सृजन होगा. लोगों की स्थिति बदलेगी.
हजारीबाग जिला स्थित जेएसडब्ल्यू के मोइत्रा कोल ब्लॉक के लीज की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. अरण्या स्टील को डालटनगंज में आवंटित लोहारी कोल ब्लॉक में भी लीज करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है. कैबिनेट के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है. एनटीपीसी के केरेडारी (द) में भी सारे क्लीयरेंस ले लिये गये हैं या कुछ के अंतिम चरण में हैं. डीवीसी के तुबेद कोल ब्लॉक की भी यही स्थिति है. पाकुड़ जिले में पचुवार सेंट्रल कोल ब्लॉक का आवंटन पंजाब इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड को किया गया है. इसकी प्रक्रिया भी अंतिम चरण में हैं.
खनन विशेषज्ञ की मानें, तो एक खदान के चालू होने से औसतन 20 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलते हैं. इनमें डंफर चालक, खान मजदूर से लेकर आसपास खुलनेवाले होटल व दुकान आदि भी शामिल हैं. इस प्रकार यदि पांच कोल ब्लॉक चालू होते हैं, तो एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलेंगे.
जेएसडब्ल्यू का मोइत्राअरण्या स्टील का लोहारी
एनटीपीसी का केरेनडारी (केरेडारी) डीवीसी का तुबेद
पंजाब इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड का पचुवारा सेंट्रल कोल ब्लॉक
राज्य सरकार को अभी खदानों से आठ हजार करोड़ रुपये राजस्व प्रतिवर्ष मिलता है. एक कोल ब्लॉक से लगभग 300 से 400 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति होती है. यानी पांच कोल ब्लॉक से दो हजार करोड़ रुपये सालाना राजस्व की प्राप्ति होगी. यह राजस्व अगले 30 वर्षों तक मिलती रहेगी.
सरकार चाहती है कि जल्द से जल्द लंबित कोल ब्लॉक चालू हों. इसके चालू होने में अा रही बाधा को लेकर लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. विधि सम्मत तरीके से खदान चालू हो, इसी ध्येय से खान विभाग काम कर रहा है.
अमित कुमार, निदेशक खान