20 साल कोयला उद्योग को खतरा नहीं : कोल इंडिया चेयरमैन पीएम प्रसाद
चेयरमैन पीएम प्रसाद ने कहा कि कोयला की जरूरत अभी है और आगे भी रहेगी. इस कारण कॉमर्शियल माइनिंग की अनुमति भी दी गयी है. अभी देश में 160 से 200 मिलियन टन कोयला दूसरे देशों से आ रहा है
कोल इंडिया के अध्यक्ष पद का प्रभार सीसीएल के वर्तमान सीएमडी पीएम प्रसाद एक जुलाई को लेंगे. वह 30 जून को कोलकाता जायेंगे. गुरुवार को सीसीएल मुख्यालय (रांची) में विशेष बातचीत में श्री प्रसाद ने कहा कि अगले 20 साल तक कोयला उद्योग को कोई खतरा नहीं है.
कोयला की जरूरत अभी है और आगे भी रहेगी. इस कारण कॉमर्शियल माइनिंग की अनुमति भी दी गयी है. अभी देश में 160 से 200 मिलियन टन कोयला दूसरे देशों से आ रहा है. इससे बड़ी मात्रा में विदेशी पूंजी लग रही है. अगर देश की इस जरूरत को कोयला उद्योग पूरा कर लेगा, तो काफी पैसा बचेगा. कोल इंडिया को वर्ष 2025-26 तक एक बिलियन टन कोयले का उत्पादन करना है. अभी हम लोग 300 मिलियन टन पीछे चल रहे हैं. इसके लिए भूमि क्लियरेंस, पर्यावरण स्वीकृति कराना प्राथमिकता है.
कोल इंडिया का दो-दो पावर प्लांट बनेगा :
श्री प्रसाद ने बताया कि कोल इंडिया का दो पावर प्लांट जल्द आनेवाला है. एक 800 मेगावाट का पावर प्लांट महानदी कोल फील्ड्स में महानदी बेसिन पावर लिमिटेड नाम से लगना है. दूसरा छत्तीसगढ़ में लगनेवाला है. यह 500 मेगावाट का पावर प्लांट होगा.
अंडरग्राउंड खदान से 100 एमटी उत्पादन का लक्ष्य :
श्री प्रसाद ने कहा कि कोल इंडिया फिर अंडर ग्राउंड माइंस में जाना चाह रहा है. अभी अंडर ग्राउंड माइंस से 28 मिलियन टन कोयला निकल रहा है. 2030 तक इसको 100 मिलियन टन ले जाने का लक्ष्य है.
सीसीएल में बहुत संभावना
श्री प्रसाद ने कहा कि सीसीएल के कोत्रे बसंतपुर का स्टेज-1 क्लियर हो गया है. जुलाई, अगस्त तक पर्यावरण स्वीकृति मिल जायेगी. बेरमो व रजरप्पा खदान का भी स्टेज-2 क्लियरेंस मिलना है. कारो, केडीएच से भी उत्पादन की प्रक्रिया जारी है. सीसीएल में 200 बेड का अस्पताल बनेगा.