कोल इंडिया के कर्मियों की मौत पर आश्रित को मिलेगी 86 दिनों के अंदर नौकरी, SOP जारी
एसओपी में तय किया गया है कि 14 दिनों के अंदर संबंधित परिजनों का मेडिकल प्रक्रिया होगी. मेडिकल प्रक्रिया कराने की जानकारी एरिया मेडिकल ऑफिसर को दी जायेगी
कोल इंडिया की कंपनियों में कार्यरत कर्मियों की मौत होने पर उनके आश्रितों को 86 दिनों के अंदर नौकरी दी जायेगी. इसके लिए कोल इंडिया बोर्ड ने एक स्टैंडर्ड ऑपरेशन ऑफ प्रोसीजर (एसओपी) बनाया है. इसमें हरेक काम के लिए अवधि तय की गयी है. ऐसा नहीं करने पर संबंधित अधिकारी या कर्मचारी पर कार्रवाई का प्रावधान भी किया गया है. इसके लिए सभी कंपनियों के एरिया ऑफिस में एक हेल्प डेस्क बनाया जायेगा. हेल्प डेस्क में सीसीटीवी भी लगा रहेगा. कोल इंडिया से तैयार एसओपी की कॉपी सभी कंपनियों को भेज दी गयी है.
14 दिनों के अंदर कराना होगा मेडिकल प्रक्रिया :
एसओपी में तय किया गया है कि 14 दिनों के अंदर संबंधित परिजनों का मेडिकल प्रक्रिया होगी. मेडिकल प्रक्रिया कराने की जानकारी एरिया मेडिकल ऑफिसर को दी जायेगी. एरिया मेडिकल ऑफिसर इसे संबंधित हेल्प डेस्क को देंगे. हेल्प डेस्क इनको स्क्रीनिंग कमेटी के पास बुलायेगा.
स्क्रीनिंग कमेटी दो दिनों के अंदर रिपोर्ट कार्मिक के अधिकारी को देगी. वहां से रिपोर्ट कंपनी मुख्यालय की स्थापना शाखा को दी जायेगी. स्थापना शाखा चार दिनों के अंदर संबंधित अथॉरिटी के पास जमा करा देगी. वहां से 20 दिनों के अंदर सूची तैयार पर वापस संबंधित एरिया के हेल्प डेस्क को भेज दी जायेगी. कुल 86 दिनों में प्रक्रिया पूरी कर आश्रित को नौकरी देने का प्रयास किया जायेगा.
तीन दिनों में देनी होगी मौत की सूचना
इसमें तय किया गया है कि किसी भी कर्मी की मौत की सूचना कोलियरी मेडिकल ऑफिसर, कंपनी अस्पताल के प्रभारी, सीएमएस को हेल्प डेस्क को इ-मेल से तीन दिनों के अंदर देना होगा. इसमें मरनेवाले कर्मी की पूरी जानकारी होनी चाहिए. कंपनी अस्पताल से बाहर मौत होने पर कर्मी के परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करना होगा. इसका वेरिफिकेशन कंपनी करायेगी. एक साल के बाद किसी तरह का आवेदन कंपनी स्वीकार नहीं करेगी. 2024 से यह प्रावधान लागू कर दिया जायेगा.
सात दिनों में शुरू होगी प्रक्रिया
कंपनी ने तय किया है कि परिजनों से मौत की सूचना मिलने के सात दिनों के अंदर हेल्प डेस्क घर वालों को सूचना देगा. उनको नौकरी का प्रोसेस शुरू करने की जानकारी दी जायेगी. परिजनों की सुविधा के अनुसार उनको हेल्प डेस्क बुलाया जायेगा. यह जितना संभव हो उतना जल्दी करना है. कर्मियों के कागजात तैयार कराकर कार्यालय के बाहर के कार्य के लिए दिया जायेगा. 15 दिनों के अंदर इसे जमा करने का आग्रह होगा.