निजी ऑपरेटरों को 25 साल तक के लिए प्रोजेक्ट देगी कोल इंडिया

कोल इंडिया ने उत्पादन बढ़ाने के लिए माइन डेवलपर सह ऑपरेटर (एमडीओ) के माध्यम से कोयला निकालने का निर्णय लिया है. इसके लिए 15 ग्रीन फील्ड खनन प्रोजेक्ट की पहचान की गयी है. इसमें 12 कोल ब्लॉक खुली खदानें (ओसीएम) हैं, जबकि तीन भूमिगत हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 23, 2020 2:06 AM
  • निजी ऑपरेटरों को 25 साल तक के लिए प्रोजेक्ट देगी कोल इंडिया

  • 15 ग्रीन फील्ड्स प्रोजेक्ट चयनित

रांची : कोल इंडिया ने उत्पादन बढ़ाने के लिए माइन डेवलपर सह ऑपरेटर (एमडीओ) के माध्यम से कोयला निकालने का निर्णय लिया है. इसके लिए 15 ग्रीन फील्ड खनन प्रोजेक्ट की पहचान की गयी है. इसमें 12 कोल ब्लॉक खुली खदानें (ओसीएम) हैं, जबकि तीन भूमिगत हैं.

इससे लगभग 168 मिलियन टन प्रति वर्ष कोयला उत्पादन की उम्मीद है. प्रबंधन द्वारा इन खदानों के लिये अनुबंध की अवधि 25 वर्ष या खदान के जीवनकाल में से जो कम हो, तय की जायेगी. कोल इंडिया निदेशक मंडल ने इस पर सहमति जता दी है. निदेशक मंडल ने हाल ही में एमडीओ के लिए स्टैंडर्ड बिड डॉक्यूमेंट और निविदा संबंधी स्वीकृति दी है.

कंपनी 2023-24 तक एक अरब टन कोयला उत्पादन की दिशा में काम कर रही है. सीसीएल में 45 मिलियन टन कोयलाएमडीओ के माध्यम से सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) से करीब 45 मिलियन टन प्रति वर्ष कोयला निकल पायेगा. वहीं, एमसीएल व एसइसीएल से क्रमश: 65.5 और 52.4 मिलियन टन प्रति वर्ष कोयला निकल पायेगा.

इसीएल और एनसीएल से क्रमश: तीन और दो मिलियन लाख टन की क्षमता वाली परियोजनाएं होंगी. वित्तीय वर्ष 2019-20 में सीसीएल के कोतरे-बसंतपुर एवं पचमो (बीपी) में पांच मिलियन टन, जबकि एमसीएल के सायरमल ओसी में 40 मिलियन टन उत्पादन की क्षमता है. 2020-21 में पांच परियोजनाएं जिनकी कुल क्षमता 68 मिलियन टन प्रति वर्ष है, इसकी निविदा एनआइटी आमंत्रित करेगी. शेष आठ परियोजनाओं का टेंडर अगले साल निकाला जायेगा.

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