रांची. झारखंड में भारत सरकार ने कोल माइंस स्पेशल प्रोविजन एक्ट (सीएमएसपी) के तहत 30 कोल ब्लॉक आवंटित किया है. इसमें ज्यादा निजी कंपनियां हैं. कुछ कोल ब्लॉक बोली लगाकर कोल इंडिया की कंपनियों को भी मिला है. इसमें से मात्र सात कोल ब्लॉक पर ही खनन का शुरू हो पाया है. भारत सरकार ने कई कंपनियों को अपनी जरूरत पूरा करने के लिए कोल ब्लॉक आवंटन किया है. इसका उद्देश्य जल्द से जल्द कंपनियों को विकास में भागीदार बनाना है. पहले बिजली उत्पादकों, स्टील कंपनी आदि को कोल इंडिया के माध्यम से ही कोयले की आपूर्ति होती थी. अब इस तरह की कंपनियां कोल ब्लॉक लेकर अपनी जरूरत का कोयला निकाल सकती हैं.
10 साल पहले आवंटित कंपनियों ने भी नहीं शुरू किया
उत्पादन
झारखंड में 10 साल पहले आवंटन प्राप्त कई कंपनियों ने अब तक खनन शुरू नहीं किया है. इसमें कई कंपनियां ऐसी हैं, जिनको नीलामी के पहले चरण में ही कोल ब्लॉक आवंटन हुआ है. भारत सरकार खनन नहीं करनेवाली कंपनियों के स्टेट्स का समय-समय पर रिव्यू करती है. इसमें खनन शुरू करने कि लिए कहा जाता है. खनन शुरू नहीं करने पर भारत सरकार ने फाइन का भी प्रावधान किया है.
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