रांची: सीसीएल की विजिलेंस टीम ने मगध ओपेन कास्ट प्रोजेक्ट में कोयले की बड़ी हेराफेरी पकड़ी है. यहां स्टॉक से अधिक और कम कोयला दिखाया गया है. ऐसा करनेवाले अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है. सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (सीवीसी) ने सीसीएल सीवीसी को समय से कार्रवाई पूरा करने के लिए कहा है. इस मामले में मगध के तत्कालीन जीएम एके चौबे पर लगे आरोपों की जांच का आदेश दिया गया है.
श्री चौबे के मामले में जांच के बाद कार्रवाई करने से पहले सीवीसी से सलाह लेने का आदेश दिया गया है. शेष अधिकारियों के मामले में जांच कर कार्रवाई का अधिकार सीसीएल के सीवीओ को दिया गया है. आदेश में सीसीएल सीएमडी ने मगध में पदस्थापित तत्कालीन अधिकारियों को मेमोरेंडम जारी किया है. प्रथम दृष्टया पायी गयी गड़बड़ी में उनका पक्ष पूछा गया है. यह मामला 2019 और 2020 का है.
सीवीसी के आदेश पर सीसीएल के मगध एरिया में कोयला स्टॉक की नवंबर-दिसंबर 2019 से लेकर मार्च 2020 तक जांच करायी गयी थी. इस दौरान कोयले का जो स्टॉक टीम ने पाया था, उसमें और वास्तविक स्टॉक में अंतर था. नंवबर-दिसंबर में जांच के दौरान पाया गया स्टॉक बताये गये स्टॉक से 24 फीसदी कम था. जनवरी में करीब 4.4 फीसदी स्टॉक कम पाया गया था. फरवरी में 2.2 अधिक स्टॉक पाया गया था. वहीं मार्च में 8.8 फीसदी कम स्टॉक था.
सीवीसी ने मगध ओपेन कास्ट में पदस्थापित पांच अधिकारियों पर मेजर पेनाल्टी की अनुशंसा की है. सीसीएल सीवीसी ने पूरी रिपोर्ट के साथ सेंट्रल सीवीसी से दिशानिर्देश मांगा था. इसके बाद मगध के तत्कालीन जीएम (पीएंडपी) अवनीश कुमार, प्रोजेक्ट ऑफिसर कमल कुमार पंडा, चीफ मैनेजर दिलीप कुमार शर्मा, चीफ मैनेजर अख्तर खान और एरिया मैनेजर पंकज कुमार झा पर मेजर पेनाल्टी लगाने की अनुशंसा की गयी है.
वहीं डिप्टी मैनेजर तपन कुमार रुईदास, डिप्टी मैनेजर चिट्टू महतो और डिप्टी मैनेजर विश्वजीत सेन पर माइनर पेनाल्टी की अनुशंसा की गयी है. दो कर्मी पंकज कुमार सोनी और अभिनव तिवारी पर भी कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है.
अवधि जांच के दौरान स्टॉक कंपनी का स्टॉक अंतर
नवंबर-दिसंबर, 2019 111965.42 1389760 270105.58
जनवरी, 2020 800003.2 835149 35145.00
फरवरी, 2020 428684.8 419220 (-) 9464
मार्च, 2020 873539.2 947918 74378.8
रिपोर्ट- मनोज सिंह