तीसरे दिन कोयला ढुलाई ठप, नौ करोड़ का नुकसान
सीएचपी-बचरा साइडिंग की कोयला ढुलाई लगातार तीसरे दिन गुरुवार को ठप रही. इससे बचरा साइडिंग में कोयले की कमी की वजह से रैक डिस्पैच नहीं हो सका.
प्रतिनिधि, पिपरवार सीएचपी-बचरा साइडिंग की कोयला ढुलाई लगातार तीसरे दिन गुरुवार को ठप रही. इससे बचरा साइडिंग में कोयले की कमी की वजह से रैक डिस्पैच नहीं हो सका. साइडिंग में पेलोडर मशीन खड़ी रही. ठेका मजदूर हाजरी बना कर बैठे रहे. इससे सीसीएल को लगभग तीन करोड़ व भारतीय रेल को छह करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है. ज्ञात हो कि एसटीसीपीएस कंपनी में बकाया भाड़ा भुगतान की मांग को लेकर अनिश्चितकाल के लिए कोयला ढुलाई ठप करा दिया है. कंपनी का आरोप है कि संवेदक जय अम्बे रोड लाइंस प्राइवेट लिमिटेड ने उसे भाड़ा भुगतान के मद में 72 लाख 93 हजार रुपये का भुगतान नहीं किया है. इस संबंध में सीसीएल प्रबंधन भी मूक दर्शक बना हुआ है. इस बंदी से सबसे अधिक परेशानी डंपर मालिकों को हो रही है. उनका रोजाना नुकसान हो रहा है. डंपर मालिकों की शिकायत है छोटे-मोटे आंदोलन होने पर सीसीएल अधिकारी उन पर काम चालू करवाने के लिए दबाव डालते हैं. यहां तक की पुलिस बल का भी धौंस दिया जाता है. लेकिन सीएची-बचरा साइडिंग की कोयला ढुलाई तीन दिनों से बंद होने के बावजूद प्रबंधन मूक दर्शक बना हुआ है. इस संबंध में सीएचपी पीओ धनंजय कुमार ने कहा कि संवेदक और पेटी कांट्रेक्टर का आपसी विवाद है. इसके चलते सीसीएल अपना नुकसान नहीं कर सकता. जय अंबे रोड लाइंस कंपनी यदि अतिशीघ्र कोयला ढुलाई शुरू नहीं करती है तो प्रबंधन टेंडर कैंसिलेशन का नोटिस भेजने को विवश होंगे.
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