झारखंड में बढ़े सर्दी, खांसी और बुखार के मरीज, समान्य फ्लू के दवा की खपत बढ़ी

सामान्य फ्लू की दवा का कारोबार इस समय राज्य में करीब 5.50 करोड़ रुपये प्रतिदिन हो गया है. यह कारोबार 15 दिन पहले तक तीन करोड़ रुपये का ही था.

By Prabhat Khabar News Desk | December 30, 2022 9:31 AM

अचानक पारा गिरने से लोग सामान्य फ्लू (सर्दी-खांसी के साथ बुखार) की चपेट में आ रहे हैं. हर परिवार का एक या दो सदस्य इससे पीड़ित है. सामान्य फ्लू से बचाव के लिए लोग लक्षण के आधार पर पारासिटामोल, कफ सिरप और एलर्जी की दवा खरीद रहे हैं. राज्य में 18,000 खुदरा दवा दुकानेंं है, जहां हर दुकान पर रोजना इस वक्त कम से कम 10 लोग सामान्य फ्लू की दवा खरीदने आ रहे है. हर आदमी 300 से लेकर 500 तक की दवा खरीद रहा है.

ऐसे में सामान्य फ्लू की दवा का कारोबार इस समय राज्य में करीब 5.50 करोड़ रुपये प्रतिदिन हो गया है. यह कारोबार 15 दिन पहले तक तीन करोड़ रुपये का ही था. राजधानी के एक बड़े दवा के होलसेलर ने बताया कि पिछले 10 दिनों में अचानक मौसमी बीमारी के मरीज बढ़ गये है. दवा की डिमांड बढ़ गयी है. सर्दी-खांसी, बुखार की दवा का खपत करीब 40 फीसदी बढ़ गयी है.

पारासिटामोल-650, एजिथ्रोमाइसीन, मॉन्टेलुकास्ट लेवोसेट्रिजीन और कफ सिरप को खुदरा दवा दुकानवाले ज्यादा ले जा रहे है. रांची के खुदरा दवा व्यापारियों ने बताया कि दिनभर में आठ से 10 लोग मौसमी बीमारी की दवा लेने आ जा रहे है. कफ सिरप, बुखार की दवा, सर्दी से बचाव की दवा और एक एंटीबायोटिक दवा दी जा रही है.

कफ सिरप 100 से 150 रुपये में, पारासिटामोल- 650 की कीमत 35 रुपये, मॉन्टेलुकास्ट लेवोसेट्रिजीन 70 से 80 रुपये और एजिथ्रोमाइसिन 70 रुपये में मिलता है. यानी एक व्यक्ति को 300 से 500 रुपये का खर्च पड़ रहा है.

कोरोना के बाद कमजोर हुई है इम्युनिटी :

रिम्स के डॉ विद्यापति ने बताया कि कोरोना के बाद लोगों की इम्युनिटी कमजोर हुई है, जिससे मौसम में हल्का बदलाव होते ही लोग बीमार हो जा रहे हैं. कमजोर इम्युनिटी काे बढ़ाना है. इसके लिए खानपान पर विशेष ध्यान रखना चाहिए. अपने खाना में पौष्टिक खाद्य पदार्थ को शामिल करें. मौसमी सब्जी और फल काे प्रचुर मात्रा में इस्तेमाल करें. ताजा खाना और गर्म खाना ही खाये. गुनगुना पानी पीये और पूरे बदन को गर्म कपड़ा से ढककर रखें.

ओपीडी में 50% सामान्य फ्लू से पीड़ित बच्चे ही :

बच्चों के अस्पताल में भी मौसमी बीमारी के मरीज बढ़े है. रानी अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश कुमार ने बताया कि ओपीडी में 50 फीसदी बच्चे इसी समस्या को लेकर आ रहे है. ठंड में सामान्य संक्रमण के अलावा अन्य कोई बीमारी नहीं होती है, इसलिए भर्ती नहीं करना पड़ रहा है.

रिम्स और सदर अस्पताल में सामान्य फ्लू के 40% मरीज बढ़े

रिम्स के फिजिसियन डॉ बी कुमार ने बताया कि सरकारी अस्पताल की ओपीडी में सर्दी-खांसी और बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है. ओपीडी में 40 फीसदी मरीज सामान्य फ्लू की समस्या लेकर ही आ रहे है. पहले ओपीडी में 100 से 125 मरीज देखते थे, अब बढ़कर 175 से 200 हो गयी है.

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