प्रवासी मजदूरों का डेटाबेस बनाने के लिए कमेटी गठित

प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जिला में पंचायत व ब्लॉक लेवल पर कमेटी गठित की गयी है. यह कमेटी प्रवासी मजदूरों का डेटाबेस तैयार करेगी. जिससे यह जानकारी मिलती रहे कि कितने मजदूर बाहर से आये हैं और पंचायत में पहुंचे हैं. उक्त बातें डीडीसी अनन्य मित्तल ने शनिवार को कही.

By Prabhat Khabar News Desk | May 24, 2020 3:33 AM
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रांची : प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जिला में पंचायत व ब्लॉक लेवल पर कमेटी गठित की गयी है. यह कमेटी प्रवासी मजदूरों का डेटाबेस तैयार करेगी. जिससे यह जानकारी मिलती रहे कि कितने मजदूर बाहर से आये हैं और पंचायत में पहुंचे हैं. उक्त बातें डीडीसी अनन्य मित्तल ने शनिवार को कही. डीडीसी ने कहा कि जितने भी लोग पंचायत में पहुंचे हैं. उनका मेडिकल सर्वे किया जा रहा है. पता लगाया जा रहा है कि कितने लोग कोरेंटिन में हैं और कितने लोगों का कोरेंटिन 14 दिनों से ऊपर हो गया है. मुख्यमंत्री की दो महत्वकांक्षी योजनाएं बिरसा हरित ग्राम योजना तथा नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना के अंतर्गत प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.

इसके तहत बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत पौधरोपण का कार्य किया जाना है. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में 1400 एकड़ भूमि का चयन किया जा चुका है. 2500 प्रवासी मजदूरों का लेबर रजिस्ट्रेशन किया गयाडीडीसी ने कहा कि प्रवासी मजदूरों का लेबर रजिस्ट्रेशन भी किया जा रहा है. अब तक 2500 प्रवासी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है. मजदूरों की स्किल मैपिंग भी की जा रही है, भविष्य में इसी आधार पर उन्हें रोजगार दिया जायेगा. प्रत्येक प्रखंड में बनाये गये शेल्टर होमडीडीसी ने कहा कि प्रत्येक प्रखंड में बॉर्डर शेल्टर होम बनाये गये हैं. विभिन्न जिला में जानेवाले प्रवासी शेल्टर होम में रह सकते हैं. बस से जाने और मेडिकल स्क्रीनिंग की प्रक्रिया जब तक पूरी नहीं होती, तब तक इन शेल्टर होम में उनके रहने व खाने आदि की व्यवस्था की गयी है.

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