वरीय संवाददाता, (रांची).
पीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने बुधवार को अलकतरा घोटाले के अभियुक्त ‘कलावती कंस्ट्रक्शन कंपनी’ के निदेशक विजय तिवारी को तीन साल की सजा सुनायी. साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. सजा सुनाये जाने के बाद अभियुक्त ने जमानत याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने उसे जमानत दे दी. नियमानुसार, किसी को तीन साल तक की सजा सुनाये जाने के बाद ट्रायल कोर्ट को उसे जमानत देने का अधिकार है. अलकतरा घोटाले से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले में आरोप पत्र दायर किये जाने के छह साल बाद उक्त फैसला सुनाया गया है. इससे पहले तय समय पर पीएमएलए कोर्ट में फैसला सुनाने की कार्रवाई शुरू हुई. अदालत ने पहली पाली में अभियुक्त विजय तिवारी की उपस्थिति सुनिश्चित की और दूसरी पाली में फैसला सुनाने का समय निर्धारित किया. दूसरी पाली में अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा : इडी की ओर से दायर आरोप पत्र और मामले में सभी पक्षों की दलील सुनने व सबूतों की जांच के बाद अदालत ने कंपनी के निदेशक विजय तिवारी को मनी लाउंड्रिंग के लिए दोषी पाया है. अत: अभियुक्त को मनी लाउंड्रिंग के इस मामले में दोषी करार दिया जाता है. अदालत द्वारा दोषी करार दिये जाने के बाद सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. इसमें अदालत ने विजय तिवारी को तीन साल की सजा सुनायी.अलकतरा की फर्जी खरीद के नाम पर 55.41 लाख रुपये का भुगतान :
कलावती कंस्ट्रक्शन को बालूमाथ-हेरहेंज की विशेष मरम्मत का काम मिला था. कंपनी ने अलकतरा की फर्जी खरीद के नाम पर 55.41 लाख रुपये का भुगतान लिया था. इडी द्वारा दायर आरोप पत्र पर हुई सुनवाई के दौरान अधिवक्ता शिव कुमार काका ने इडी का पक्ष रखा. इडी ने सीबीआइ द्वारा वर्ष 2010 में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर वर्ष 2012 में इसीआइआर दर्ज किया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है