रांची : रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट विस्तारीकरण को लेकर अधिग्रहित जमीन के असली मालिकों की जगह फर्जी मालिकों को मुआवजे का भुगतान कर दिया गया. जांच और मामले की सुनवाई के दौरान इसकी पुष्टि हुई है. मामले में लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय ने मामले में जवाबदेह तीन अफसरों रांची के तत्कालीन डीसीएलआर अभय अानंद अंबष्ट, नामकुम के तत्कालीन सीओ अमित कुमार और नामकुम के तत्कालीन सीआइ प्रमोद कुमार के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है.
डीसीएलआर व सीओ पर कार्रवाई के लिए कार्मिक सचिव और सीआइ पर कार्रवाई के लिए भू-राजस्व विभाग के सचिव से अनुशंसा की गयी है. उन्हें निर्देश दिया गया है कि पत्र पाप्ति के चार सप्ताह में विधि सम्मत कार्रवाई कर लोकायुक्त कार्यालय को उससे अवगत कराया जाये. मामले की जांच और लोकायुक्त की सुनवाई के दौरान यह बात सामने आयी कि एक ही जमीन का दो लोगों के बीच नामांतरण करवाया गया तथा जमीन अधिग्रहण के लगभग 64 लाख रुपये फर्जी मालिक को दे दिये गये.
जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई 2008 में हुई थी. एक ही जमीन का दो लोगों के नाम म्यूटेशननिर्मला देवी व राजेश कुमार ने 2015 में लोकायुक्त कार्यालय में फर्जीवाड़े को लेकर परिवाद दायर किया था. दोनों का आरोप था कि बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के समीप हेथू मौजा में दोनों ने 15 जुलाई 2006 को 36 डिसमिल जमीन ली थी. उसी वर्ष दिसंबर में दाखिल खारिज (म्यूटेशन) भी करवाया था.
वर्ष 2011 तक उनकी लगान रसीद भी कटती रही. इस बीच एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया, लेकिन उसमें उनलोगों का नाम ही नहीं था. जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने 12 मार्च 2013 को मुआवजे का भुगतान गीता देवी व रवि किरण साहू को कर दिया. यह भी आरोप लगाया गया था कि उनकी जमीन का दाखिल खारिज वर्ष 2006 में हुआ था, लेकिन तत्कालीन अंचलाधिकारी नामकुम ने गलत तरीके से वर्ष 2008 में उनकी भूमि का म्यूटेशन गीता देवी व रवि किरण साहू के नाम कर दिया था.
Post by : Pritish Sahay