न पानी न सफाई, शो-पीस बने रांची के मॉड्यूलर टॉयलेट, निगम ने कहा- लोग जागरूक नहीं
स्वच्छ भारत मिशन के तहत रांची नगर निगम ने शहर में 1.36 करोड़ से 110 मॉड्यूलर टॉयलेट का निर्माण कराया है. लेकिन, देखरेख के अभाव में यह बर्बाद हो रहा है. इन टॉयलेटों के अंदर साफ-सफाई की समस्या तो है ही, बाहर भी कचरे का ढेर लगा रहता है. इस कारण लोग इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं.
Modular Toilet In Ranchi. स्वच्छ भारत मिशन के तहत रांची नगर निगम ने शहर में 1.36 करोड़ से 110 मॉड्यूलर टॉयलेट का निर्माण कराया है. लेकिन, देखरेख के अभाव में यह बर्बाद हो रहा है. इन टॉयलेटों के अंदर साफ-सफाई की समस्या तो है ही, बाहर भी कचरे का ढेर लगा रहता है. इस कारण लोग इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं. लोग मजबूरी में ही इसका इस्तेमाल करते हैं. ज्यादातर टॉयलेट में पानी व मग की भी समस्या है. कहीं-कहीं शौचालय की सीट व बेसिन भी टूटे हुए हैं.
सफाई पर हर साल 26 लाख खर्च करता है निगम
लोग खुले में मल-मूत्र का त्याग न करें, इसके लिए शहर के चौक-चौराहों पर मॉड्यूलर टॉयलेट का निर्माण किया गया है. लेकिन, अधिकारियों ने इसके मेंटेनेंस पर ध्यान नहीं दिया. वर्तमान में इन टॉयलेटों की सफाई का जिम्मा रांची नगर निगम ने मो एजाज व पासा को दिया हुआ है. इन टॉयलेटों की सफाई पर निगम सालाना 26 लाख रुपये खर्च भी करता है. लेकिन, सही से इसकी सफाई नहीं की जाती है. इस कारण प्रवेश करते ही इससे बदबू आती है.
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मॉड्यूलर टॉयलेट की सफाई रोजाना दिन में तीन बार
इस मामले पर उप नगर आयुक्त रजनीश कुमार ने कहा कि शहर में विभिन्न जगहों पर बनाये गये मॉड्यूलर टॉयलेट की सफाई रोजाना दिन में तीन बार की जाती है. इसकी मॉनिटरिंग के लिए सभी का जीपीएस टैग युक्त फोटो भी मंगाया जाता है. कुछ जगहों पर वाटर कनेक्शन नहीं होने के कारण पानी खत्म हो जाता होगा. वैसी जगहों पर टैंकर से जलापूर्ति की जाती है. यहां के लोग भी जागरूक नहीं हैं. इस कारण मॉड्यूलर टॉयलेट की व्यवस्था मुकम्मल बनाये रखने में परेशानी होती है.