प्रदेश कांग्रेस का अंतर्कलह अब सामने आ गया है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत व प्रदीप बलमुचु की वापसी से पहले ही पार्टी दो खेमों में बंट गयी है. एक तरफ प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव फिलहाल इन दोनों नेताओं के पार्टी में शामिल कराने के पक्ष में नहीं हैं. वहीं दूसरी तरफ कार्यकारी अध्यक्षों का इन्हें साथ मिल रहा है.
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार की कांग्रेस में वापसी के बाद इन दोनों नेताओं के पार्टी में शामिल होने को लेकर कवायद शुरू हुई है. इन दोनों नेताओं ने कांग्रेस के आला नेताओं से संपर्क भी साधा है. हालांकि अभी तक इन्हें पार्टी में शामिल कराने की विधिवत घोषणा नहीं की गयी है. बेरमो उपचुनाव के दौरान सुखदेव भगत का कांग्रेस का चुनावी मंच शेयर करना पार्टी में विवाद का विषय बन गया है.
प्रदेश अध्यक्ष ने इसको लेकर खुल कर अपनी नाराजगी रखी थी. कहा था कि बिना बुलाये ही सुखदेव भगत मंच पर पहुंच गये. वे पार्टी को लात मार कर गये थे. अब किस मुंह से लौट रहे हैं. उन्हें अभी रुकना चाहिए.
संगठन के कार्यों में अहमियत नहीं मिलने पर कार्यकारी अध्यक्षों ने प्रभारी आरपीएन सिंह के पास शिकायत की है. इसमें कहा गया है कि उन्हें संगठन में जिम्मेवारी नहीं दी जा रही है. प्रदेश अध्यक्ष सिर्फ दो-तीन लोगों का ग्रुप बना कर ही संगठन का कार्य कर रहे हैं. प्रमुख मुद्दों पर राय नहीं ली जाती है.
posted by : sameer oraon