प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अडानी ग्रुप से सांठ-गांठ कर भारतवासियों के खून-पसीने की कमाई को खतरे में डालने का आरोप लगाया है. कांग्रेस भवन में प्रेस कांफ्रेंस कर उन्हाेंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी नियम-कानून को ताक पर रख कर अडानी को पाल-पोस कर बड़ा किया. अब एलआइसी के माध्यम से अडानी ने जनता की जेब पर हाथ डाल दिया है. प्रधानमंत्री ने एलआइसी में अपनी जमा-पूंजी लगाने वाले देश के 40 करोड़ निवेशकों का भविष्य खतरे में डाल दिया है. उन्होंने कहा कि एलआइसी और एसबीआइ के हिस्से को प्रधानमंत्री ने देश के सबसे बड़े कॉरपोरेट फ्रॉड के आरोपी के हवाले कर दिया है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर केंद्र सरकार पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है.
हिडनबर्ग ने अडानी पर 42 गुना ओवरवैल्यूड शेयर, डेब्ट फ्यूएलड बिजनेस और अडाणी परिवार के सदस्यों द्वारा कथित तौर पर मॉरीशस, यूएई और कैरेबियन द्वीप समूह जैसे टैक्स हेवन में बेनामी शेल कंपनियों के विशाल मायाजाल द्वारा अरबों रुपये के काले धन का खुलासा किया है. अडानी ग्रुप पर इंसाइडर ट्रेडिंग, स्टॉक मैनीपुलेशन जैसे गंभीर आरोप लगाये हैं. श्री ठाकुर ने कहा कि चांग चुंग लिंग नाम के एक चीनी व्यापारी के साथ अडानी समूह के रिश्ते पर केंद्र सरकार परदा डाल रही है.
विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि कांग्रेस अडानी पर लगे आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की देख-रेख में कराने की मांग करती है. हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की विस्तार से जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि छह फरवरी को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों के एलआइसी व एसबीआइ कार्यालयों के सामने कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करेंगे. मौके पर विधायक अंबा प्रसाद, राकेश सिन्हा, अमूल्य नीरज खलखो, राजीव रंजन प्रसाद, डाॅ एम तौसीफ आदि मौजूद थे.
कांग्रेस के हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को लेकर महानगर कांग्रेस की बैठक हुई. महानगर अध्यक्ष कुमार राजा ने नवनियुक्त प्रखंड प्रभारी व प्रखंड अध्यक्षों से समाज के अंतिम पायदान में खड़े व्यक्ति तक को अभियान से जोड़ने का आह्वान किया. बैठक के मुख्य अतिथि सह पार्टी के महानगर जिला प्रभारी जवाहर मेहता ने हाथ से हाथ जोड़ो कार्यक्रम का विस्तार व्यापक स्तर पर करने में योगदान देने की बात कही. संचालन महानगर महासचिव सह कार्यालय प्रभारी जीतेंद्र त्रिवेदी ने किया.
बैठक में राजकुमार नागवंशी, प्रिंस भट्ट, अर्चना मिर्धा, फ्रांसिस तिर्की, गजेंद्र सिंह, दीपू सिन्हा, कृष्णकांत शुक्ल, महेंद्र मिश्रा, राजीव रंजन प्रसाद, तारिक मोजीबी, जैकी अहमद खां, दिलीप कुमार सिंह, सूरज वर्मा, रंजन यादव, राजू राम लोहरा, अनिल उरांव, सुधीर कुमार राय, चमन रजक, इजहार खान, प्रिंस सिंह, सुदीप उरांव, श्रवण कुमार, विजय कुमार, जॉय चक्रवर्ती, अभिषेक गौरव, राजेश कुमार वर्मा, प्रवीण अग्रवाल, जगरनाथ साहू, कन्हैया महतो, दीपू सिन्हा, फ्रांसिस तिर्की, सुरेन राम, शिवा कच्छप समेत अन्य शामिल हुए.
श्री ठाकुर ने कहा कि एलआइसी और एसबीआइ जैसे सरकारी संस्थानों में अडानी समूह के साथ मोदी सरकार ने बेहद जोखिम भरा लेन-देन और निवेश किया है. अडानी इंटरप्राइजेज में एलआइसी ने निवेश एक प्रतिशत से बढ़ा कर 4.23 प्रतिशत कर दिया. अडानी टोटल गैस में यह हिस्सेदारी एक प्रतिशत से बढ़ कर 5.96 प्रतिशत हो गयी. अडानी ट्रांसमिशन में एलआइसी की शेयरधारिता 2.42 प्रतिशत से बढ़ा 3.65 प्रतिशत कर दी गयी. अदानी ग्रीन एनर्जी में भी यह बढ़ कर 1.28 प्रतिशत हो गया है. अडानी के शेयरों के गिरने की वजह से एलआइसी के 39 करोड़ पॉलिसी धारकों और निवेशकों के 33,060 करोड़ रुपये अब तक डूब चुके हैं. अडानी समूह पर एसबीआइ समेत अन्य भारतीय बैंकों का करीब 80,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. यह समूह के कुल कर्ज का 38 प्रतिशत है. निजी बैंकों के जोखिम कुल समूह ऋण का आठ प्रतिशत ही है. जबकि सरकारी बैंकों के पास समूह ऋण का 30 प्रतिशत जोखिम है.