Jharkhand Government Cabinet News : कांग्रेस के राधाकृष्ण को वित्त, इरफान को स्वास्थ्य, झामुमो के रामदास के पास शिक्षा

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने कैबिनेट मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया है. कैबिनेट की बैठक के ठीक पहले विभागों का बंटवारा किया गया. मुख्यमंत्री ने कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा के साथ-साथ गृह (कारा सहित) विभाग अपने पास रखा है. सीएम के पास पथ, भवन, ऊर्जा, वन, खान विभाग भी रहेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | December 7, 2024 12:36 AM

रांची. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने कैबिनेट मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया है. कैबिनेट की बैठक के ठीक पहले विभागों का बंटवारा किया गया. मुख्यमंत्री ने कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा के साथ-साथ गृह (कारा सहित) विभाग अपने पास रखा है. सीएम के पास पथ, भवन, ऊर्जा, वन, खान विभाग भी रहेंगे. वहीं, कांग्रेस पार्टी से मंत्री बने राधाकृष्ण किशोर को वित्त मंत्री बनाया गया है.

संजय प्रसाद यादव के पास श्रम एवं उद्योग विभाग

राजद कोटे से मंत्री बने संजय प्रसाद यादव को श्रम एवं उद्योग विभाग दिया गया है. पूर्व में भी राजद कोटे में यही दो विभाग मिले थे. पूर्व में इरफान अंसारी ग्रामीण विकास मंत्री थे, लेकिन इस बार उन्हें स्वास्थ्य, खाद्य आपूर्ति एवं आपदा प्रबंधन विभाग दिया गया है. उनकी जगह पर दीपिका पांडेय सिंह को ग्रामीण विकास विभाग दिया गया है. जबकि, दीपिका के पास पूर्व में कृषि विभाग था, इसे पहली बार मंत्री बनी शिल्पी नेहा तिर्की को दिया गया है. स्कूली शिक्षा विभाग झामुमो कोटे से मंत्री बने रामदास सोरेन को दिया गया है. जबकि, नगर विकास विभाग झामुमो से ही मंत्री बने सुदिव्य कुमार को दिया गया है. झामुमो के दीपक बिरुवा को राजस्व के साथ-साथ परिवहन विभाग दिया गया है. जबकि, चमरा लिंडा को अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण (अल्पसंख्यक कल्याण को छोड़कर) विभाग दिया गया है. मंत्रियों के स्थापना विभाग की अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है.

क्या है स्थापना विभाग

मंत्रियों को आवंटित विभागों में स्थापना विभाग की भी घोषणा की गयी है. जिस मंत्री का जो स्थापना विभाग है, मंत्री के वाहन से लेकर कार्यालय आदि तक के खर्च का वहन उसी विभाग को करना होगा. मंत्री के आप्त सचिव, निजी सहायक, आवासीय कार्यालय का भी खर्च वहन स्थापना विभाग से ही होता है. विभाग से संबंधित बैठक के लिए मंत्री दिल्ली या अन्यत्र कहीं जाते हैं, तो उसका खर्च भी स्थापना विभाग को ही वहन करना होता है. मंत्री अन्य विभागों से ये सुविधाएं नहीं ले सकते हैं.

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