बैद्यनाथ व बासुकिनाथ मंदिर में कूपन सिस्टम से पूजा कराने पर विचार
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम व दुमका स्थित बाबा बासुकिनाथ धाम में भादो माह में पूजा-अर्चना को लेकर विचार-विमर्श शुरू हो गया है.
रांची/देवघर/दुमका : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम व दुमका स्थित बाबा बासुकिनाथ धाम में भादो माह में पूजा-अर्चना को लेकर विचार-विमर्श शुरू हो गया है. दोनों ही मंदिरों में उज्जैन की तर्ज पर ऑनलाइन कूपन सिस्टम के माध्यम से सीमित संख्या में पूजा-अर्चना कराने पर विचार हो रहा है. बुधवार को दुमका व देवघर में डीसी-एसपी ने दोनों ही मंदिरों के पुजारियों के साथ बैठक की. दुमका डीसी ने बताया कि श्रद्धालुओं को सुगमतापूर्वक दर्शन करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा तैयारी की जा रही है.
प्रत्येक सोमवार को सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक सीमित संख्या में श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे. दर्शन करने से पूर्व श्रद्धालुओं को ऑनलाइन निबंधन कराना होगा, जिसमें उनका नाम, उम्र, पहचान पत्र की आवश्यकता होगी. पांच वर्ष से कम एवं 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग अपना निबंधन नहीं करा पायेंगे. साथ ही जिन्हें बीपी, शुगर, डायबिटीज या दिल की बीमारी है, उन्हें भी मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी. हर सोमवार के लिए 300 श्रद्धालु ही ऑनलाइन निबंधन करा पायेंगे.
देवघर में नहीं हो पाया तय : देवघर में भी बुधवार को डीसी कमलेश्वर प्रसाद सिंह ने बैठक की. इसमें डीसी ने कहा कि राज्य सरकार ने भादो में बाबा मंदिर का पट खोलने और दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर पंडा समाज एवं आमलोगों की राय पर रिपोर्ट मांगी है. जिला कार्यकारी समिति की बैठक में अधिकारियों के अलावा पंडा धर्मरक्षिणी के महामंत्री कार्तिकनाथ ठाकुर ने भी सुझाव दिये.
राज्य स्तरीय कमेटी लेगी निर्णय : बाबा बैद्यनाथ धाम और बाबा बासुकिनाथ मंदिर में पूजा करने को लेकर देवघर और दुमका से रिपोर्ट आने के बाद अंतिम निर्णय राज्यस्तरीय कमेटी लेगी. कमेटी में अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, सचिव पूजा सिंघल, डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, डॉ अमिताभ कौशल, दुमका डीआइजी के अलावा देवघर और दुुमका के डीसी-एसपी शामिल हैं. कमेटी तय करेगी कि भक्तों के ऑनलाइन निबंधन के लिए वेब पोर्टल और एेप में कौन सा विकल्प बेहतर रहेगा. भक्तों को ऑनलाइन ही कूपन दिया जायेगा.
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Post by : Pritish Sahay