झारखंड: संविधान दिवस से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ राजभवन के समक्ष महापड़ाव का आगाज, ये हैं मांगें
अब देश में किसान संगठनों, मजदूर संगठनों के गठबंधन से देश की मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए जन आंदोलन की शुरुआत संविधान दिवस से की जाएगी. 26 नवंबर से 28 नवंबर तक देश के सभी राजभवनों के समक्ष महापड़ाव की शुरुआत की जाएगी.
रांची: राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत संयुक्त किसान मोर्चा एवं संयुक्त ट्रेड यूनियन के आह्वान पर 26, 27 व 28 नवंबर को रांची के राजभवन के समक्ष महापड़ाव ऐतिहासिक होगा. ये बातें प्रेस वार्ता में शुक्रवार को अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव महेंद्र पाठक, एटक के महासचिव अशोक यादव, एक्टू के सचिव शुभेंदु सेन, इंटक के संजीव सिन्हा, सीटू के अनिर्वान बोस, अखिल भारतीय किसान महासभा के पूरन महतो, मजदूर नेता अजय कुमार सिंह, आदिवासी जन अधिकार मंच के प्रफुल्ल लिंडा ने कहीं. वक्ताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार से जनता ऊब चुकी है. केंद्र सरकार के सारे दावे झूठे साबित हो रहे हैं. किसानों के कई महीने चले आंदोलन से मोदी सरकार को पीछे हटना पड़ा था.
संविधान दिवस से राजभवन के समक्ष महापड़ाव
अब देश में किसान संगठनों, मजदूर संगठनों के गठबंधन से देश की मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए जन आंदोलन की शुरुआत संविधान दिवस से की जाएगी. 26 नवंबर से 28 नवंबर तक देश के सभी राजभवनों के समक्ष महापड़ाव की शुरुआत की जाएगी. इसमें मुख्य रूप से मजदूर विरोधी चार लेबर कोड रद्द करने, असंगठित मजदूरों को 18000 रुपए न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करने, 60 वर्ष की उम्र के किसानों को 10000 मासिक पेंशन देने, शिक्षित बेरोजगार नौजवानों को 10000 बेरोजगारी भत्ता देने, नई शिक्षा नीति को रद्द करने, सभी जिलों में अविलंब धान क्रय केंद्र खोलने, धान के क्रय मूल्य 2500 क्विंटल एवं 500 किसानों का बोनस देने, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को लागू करने, विस्थापन नीति बनाने, किसानों को पिछले साल का धान का बकाया पैसा जल्द से जल्द भुगतान करने, हरी सब्जियों सहित अन्य फसलों का एमएसपी तय करने, धान, अरहर, मड़ुवा(रागी), मक्का, मूंगफली, सरसों, आलू आदि की खरीद की व्यवस्था बाजार समिति के माध्यम से करने ताकि वास्तविक किसानों से धान और अन्य फसलों की खरीद हो सके.
किसानों के लिए मॉडल हाट हो विकसित
वक्ताओं ने कहा कि किसानों के नाम पर ली गई बाजार समिति की जमीन पर अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त आधारभूत संरचनाओं का निर्माण किसानों के लिए किया जाए. ग्रामीण क्षेत्र के हाट-बाजारों को मॉडल हाट के रूप में विकसित किया जाए. कई मांगों के समर्थन में राष्ट्रव्यापी महापड़ाव रांची में ऐतिहासिक होगा. इसमें पूरे राज्य से किसान, मजदूर, छात्र, नौजवान एवं महिलाएं समेत अन्य भाग लेंगे. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय मजदूर नेता डॉ भालचंद्र कांगो, एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेद्र कुमार, पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता सहित कई वक्ता भाग लेंगे.