बिजली बिल में गलती से उपभोक्ता परेशान, नहीं हो रहा समाधान

जेबीवीएनएल उपभोक्ताओं की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है. उपभोक्ता बिजली बिल में सुधार के लिए बिजली ऑफिस का चक्कर लगाने को विवश हैं. कई शिकायतें अलग-अलग फोरम पर दर्ज होने के बाद भी तीन माह से लंबित हैं. बिजली बिल में त्रुटि से संबंधित शिकायतों का निबटारा नहीं हो रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2022 11:58 AM
an image

Ranchi news: जेबीवीएनएल उपभोक्ताओं की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है. उपभोक्ता बिजली बिल में सुधार के लिए बिजली ऑफिस का चक्कर लगाने को विवश हैं. कई शिकायतें अलग-अलग फोरम पर दर्ज होने के बाद भी तीन माह से लंबित हैं. बिजली बिल में त्रुटि से संबंधित शिकायतों का निबटारा नहीं हो रहा है. इस काम के लिए व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है, जिस पर 20 फीसदी शिकायतें बिल से संबंधित दर्ज हैं. लेकिन हल निकालने की कोशिश नहीं हो रही है.

ज्यादा मीटर रीडिंग दर्ज हो रही

कोकर डिविजन के एक उपभोक्ता (कंज्यूमर नंबर केआरके 12546) ने जुलाई माह में जेबीवीएनएल को शिकायत कर बिजली बिल में सुधार की मांग की थी. उपभोक्ता का कहना था कि उनके लोड में अंतर नहीं होने के बाद भी हाल के दिनों में ज्यादा रीडिंग दर्ज हो रही है. रीडिंग दिखा कर अनाप-शनाप बिजली बिल भुगतान करने को कहा जा रहा है.

Also Read: झारखंड में आजादी के 20 साल बाद शुरू हुई सिंचाई परियोजनाएं अब भी अधूरी

एरियर भुगतान के बाद भी बिल गलत दे रहे

डोरंडा डिवीजन के एक उपभोक्ता (कंज्यूमर नंबर डीआर 2432) का जुलाई माह में 4423 रुपये का एरियर दिखाया गया, जबकि, पूर्व में 2012 रुपये के भुगतान के बाद भी बिल उतना ही दिखा रहा है. जेबीवीएनएल को शिकायत कर बिल में सुधार करने की मांग की गयी. लेकिन, समस्या का समाधान नहीं हुआ.

अधिकारी नहीं सुनते समस्या

बिजली उपभोक्ता समस्या को लेकर सबसे पहले बिजली निगम के कनीय अधिकारियों से संपर्क करते हैं. यहां समस्या का समाधान नहीं होने पर वरिष्ठ अफसरों से संपर्क करते हैं. लेकिन, यहां भी अक्सर सुनवाई नहीं होती है. सबसे ज्यादा समस्या मीटर रीडिंग, ऑनलाइन बिल में गड़बड़ी और उसके समायोजन नहीं करने को लेकर है. जेबीवीएनएल मीटर रीडिंग का काम आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से कराता है. उपभोक्ताओं द्वारा मीटर की जांच कराने का आग्रह करने के बाद भी इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एक जैसी समस्या है, लेकिन उपभोक्ताओं की समस्या न तो ऊर्जा मित्र सुन रहे हैं और न ही जेबीवीएनएल के अधिकारी.

Exit mobile version