स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क मिलेंगे गर्भनिरोधक दवा व इंजेक्शन

अंतरा का इंजेक्शन प्रत्येक तीन माह पर लगाया जाता है. यह बहुत निजी और गोपनीय तरीका है. यह किसी भी उम्र में लिया जा सकता है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 7, 2024 12:25 AM

रांची. निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं डॉ सीके शाही ने कहा कि अंतरा व ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स परिवार नियोजन की अस्थायी विधि है. अंतरा एक गर्भनिरोधक इंजेक्शन है. यह स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है. अंतरा का इंजेक्शन प्रत्येक तीन माह पर लगाया जाता है. यह बहुत निजी और गोपनीय तरीका है. यह किसी भी उम्र में लिया जा सकता है, चाहे महिला के बच्चे हुए हों या नहीं. श्री शाही गुरुवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

डॉ पुष्पा ने कहा कि ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का उपयोग अस्थायी विधि के रूप में किया जाता है, जिसे लेना काफी आसान होता है. यह विभिन्न प्रकार के होते हैं. जैसे छाया (साप्ताहिक गोली), माला एन, पीओपी एवं इजी पिल्स आदि. यह स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है. राज्य समन्वयक परिवार नियोजन कोषांग गुंजन खलखो ने कहा कि इस प्रशिक्षण के बाद जिला मास्टर ट्रेनर द्वारा जिला कार्यक्रम इकाई से समन्वय स्थापित कर प्रत्येक जिला में संबंधित विधियों पर प्रशिक्षण दिया जायेगा. राज्य प्रशिक्षक डॉ स्वाति चैतन्य व प्रीति मांझी ने प्रशिक्षण दिया. मौके पर नवल किशोर यादव, अभिजित मिश्रा, राजू शर्मा, रोहित कुमार तथा सहयोगी संस्थान के प्रतिनिधि के अलावा 12 जिलों से दो-दो चिकित्सा पदाधिकारी व जीएनएम मौजूद थे.

टीबी के संभावित मरीजों की खोज के लिए आज से चलेगा अभियान

रांची. रांची के सभी प्रखंडों के गांवों में टीबी के संभावित मरीजों की खोज के लिए सात जून से 20 जून तक अभियान चलाया जायेगा. इस दौरान एडल्ट बीसीजी वैक्सीनेशन से संबंधित लोगों को भी चिह्नित किया जायेगा. चिह्नित लाभुकों का एक जुलाई से वैक्सीनेशन किया जायेगा. 18 साल से अधिक आयु के लोगों को वैक्सीन दी जायेगी. उक्त बातें गुरुवार को सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में कही. उन्होंने कहा कि सुदूरवर्ती क्षेत्र, जनजातीय क्षेत्र, खनन उद्योग क्षेत्र, ओल्ड एज होम, एचआइवी एवं डायबिटीज एवं टीबी से ग्रसित होनेवाले क्षेत्र में सहिया, कम्युनिटी वॉलेंटियर, टीबी सर्वाइवर घर-घर जाकर टीबी के संभावित मरीजों को चिह्नित करेंगे. सभी चिह्नित संभावित टीबी मरीजों की जांच, इलाज एवं दवा बिल्कुल मुफ्त उपलब्ध करायी जायेगी.

पांच टीमों का गठन :

डॉ प्रभात ने कहा कि अभियान के दौरान जिला स्तर पर मॉनिटरिंग एवं सुपरविजन के लिए पांच टीमों का गठन किया गया है. मौके पर जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ एस बास्की, राकेश कुमार राय, डीपीसी एवं टीबी के कर्मी उपस्थित थे.

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