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झारखंड: अनुबंधकर्मियों का राजभवन के समक्ष विरोध प्रदर्शन, हेमंत सोरेन सरकार से की ये मांग

सेवा नियमितीकरण समेत 11 सूत्री मांगों को लेकर अनुबंधकर्मियों ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन करनेवालों में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, जल सहिया, स्वास्थ्य सहिया समेत अन्य अनुबंधकर्मी शामिल थे. इन्होंने सरकार से आग्रह किया कि उन्हें वादे के अनुसार सुविधाएं दी जाएं.

By Guru Swarup Mishra | December 4, 2023 5:11 PM
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रांची: झारखंड की राजधानी रांची के राजभवन के समक्ष सोमवार को अनुबंधकर्मियों की भीड़ उमड़ पड़ी. इन्होंने सीएम हेमंत सोरेन से सेवा नियमितीकरण समेत 11 सूत्री मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन करनेवालों में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, जल सहिया, स्वास्थ्य सहिया समेत अन्य अनुबंधकर्मी शामिल थे. इन्होंने सरकार से आग्रह किया कि उन्हें वादे के अनुसार सुविधाएं दी जाएं. अनुबंधकर्मियों में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की ये मांग

झारखंड के सभी 24 जिलों से आए 35 हजार जल सहिया, 44 हज़ार स्वास्थ्य सहिया, 80 हजार आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, 4 हजार पशुपालन, 5 हजार पशुपालन कर्मी, 20 हजार लघुकर्मी एवं 15 हजार अनुबंध पर कार्यरत एएनएम-एमपीडब्ल्यू कर्मियों ने राजभवन के समक्ष सोमवार को धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों की संख्या काफी अधिक थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपनी मांगों को लेकर इन्होंने विरोध प्रदर्शन किया. सहियाओं की मांग है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकार बनने से पहले वादा किया था कि 1 हजार मानदेय बढ़ाकर 18 हजार कर दिया जाएगा, लेकिन मानदेय बढ़ाने की जगह इसे घटा कर प्रोत्साहन राशि में बदल दिया गया, जो तय नहीं है. कैबिनेट के फैसले के अनुसार हमें मोबाइल और ड्रेस मिलना चाहिए था, लेकिन न तो हमें मानदेय मिला और न ही कोई और सुविधाएं दी गयी हैं.

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11 सूत्री प्रमुख मांगों में ये कुछ प्रमुख मांगें

11 सूत्री मांगों को लेकर सहिया समेत अन्य ने सोमवार को जोरदार प्रदर्शन किया. इन्होंने सरकार से वादा पूरा करने की मांग की. अनुबंध पर कार्यरत 1 लाख कर्मियों की सेवा नियमित करने, 45 महीने का बकाया मानदेय देने, 1 हजार मानदेय के बदले 18 हजार मानदेय देने की बात कही थी. अब केवल प्रोत्साहन राशि दी जा रही है.

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