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7000 से अधिक अनुबंध में कार्यरत झारखंड स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी गये हड़ताल पर, ये कार्य हो सकती है प्रभावित

सदर अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ट्रेनी नर्सों के भरोसे यथास्थिति बहाल रखने की कोशिश की गयी. बाहरी इलाकों में सामान्य टीकाकरण में कुछ कमी जरूर देखने को मिली.

कोविड-19 से उबर रही स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर से बेपटरी होने लगी है. सेवा स्थायीकरण की मांग को लेकर स्वास्थ्य अनुबंधकर्मी मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं. झारखंड राज्य अनुबंधित पारा चिकित्साकर्मी संघ सहित अन्य संगठनों के बैनर तले बड़ी संख्या में अनुबंधकर्मी मांगों को लेकर धरना पर बैठे रहे. वहीं, राज्य के करीब सात हजार से ज्यादा अनुबंध पर कार्यरत नर्सों और पारा मेडिकल कर्मियों के एक साथ हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं.

हालांकि, फिलहाल इन सेवाओं पर हड़ताल का ज्यादा असर नहीं देखा गया. सदर अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ट्रेनी नर्सों के भरोसे यथास्थिति बहाल रखने की कोशिश की गयी. बाहरी इलाकों में सामान्य टीकाकरण में कुछ कमी जरूर देखने को मिली. हालांकि, सिविल सर्जन कार्यालय का दावा है कि जल्द ही स्थिति सामान्य कर ली जायेगी.

प्रभावित होने वाले कार्यस्थल :

जिला अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, हेल्थ सब सेंटर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सहित कुछ अन्य स्वास्थ्य केंद्र और अस्पताल.

सदर अस्पताल में सामान्य दिनों की तरह कामकाज

सदर अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में अनुबंध पर महज एक कर्मचारी कार्यरत हैं. यहां संघ के दावाें के विपरीत प्रसव सहित अन्य कामकाज सामान्य तरीके से होता रहा. एनएनएम-जीएनएम इमरजेंसी में सोमवार से ही सामान्य तरीके से इलाज में योगदान दे रही थीं. वहीं, मंगलवार शाम छह बजे तक सदर अस्पताल में 25 सामान्य प्रसव जबकि, सी-सेक्शन ऑपरेशन द्वारा 13 बच्चों का प्रसव कराया गया.

कौन-कौन से काम पर पड़ सकता है असर

हड़ताल व आंदोलन लंबा चला तो आगे चलकर टीकाकरण, एक्सरे, लेबर रूम, ब्लड बैंक, पैथोलैब, एसएनसीयू सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं.

राज्य में अनुबंध पर स्वास्थ्य विभाग में सेवा दे रहे नर्स-पारा मेडिकलकर्मी 2015 से सेवा स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलन करते रहे हैं. हर बार विभाग और सरकार से आश्वासन मिलने के बाद हम आंदोलन स्थगित करते रहे हैं. इस बार हमारा आंदोलन जीवन-मरण का सवाल बन चुका है.

जिस तरह ताकत के जोर पर हमारा आंदोलन कुचलने का प्रयास किया गया, उसके बाद हम दोगुनी ताकत से उभरे हैं. यह आंदोलन अब निर्णायक होगा. हेमंत सरकार से आग्रह है कि हमारी मांगों पर विचार करते हुए अपने चुनावी वादों को पूरा करें.

विनय कुमार सिंह, प्रदेश अध्यक्ष

सात हजार पारा मेडिकल कर्मी हड़ताल पर

लैब टेक्नीशियन 667

एक्सरे टेक्नीशियन 120

एएनएम 4200

जीएनएम 400

फार्मासिस्ट 550

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