कोरोना इफेक्ट : एक तो धंधा मंदा, ऊपर से प्रशासन का डंडा, जानिये क्यों दुकानदारों के गले की फांस बनी केंद्र सरकार की गाइड लाइन

कोरोना संकट की वजह से लगे लॉकडाउन ने दुकानदारों और व्यापारियों की कमर तोड़ दी है. अनलॉक में धीरे-धीरे दुकानदारों और प्रतिष्ठानों को छूट तो मिली है, लेकिन सरकार की गाइडलाइन ने इनके सामने नया संकट खड़ा कर दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 16, 2020 6:42 AM

रांची : कोरोना संकट की वजह से लगे लॉकडाउन ने दुकानदारों और व्यापारियों की कमर तोड़ दी है. अनलॉक में धीरे-धीरे दुकानदारों और प्रतिष्ठानों को छूट तो मिली है, लेकिन सरकार की गाइडलाइन ने इनके सामने नया संकट खड़ा कर दिया है. ग्राहक नदारद हैं, कमाई हो नहीं रही, ऊपर से हर ग्राहक का ब्योरा रखना पड़ रहा है. केंद्र सरकार की ओर से जारी इस गाइडलाइन का पालन नहीं करनेवाले राजधानी के करीब 300 दुकानों पर जिला प्रशासन अब तक कार्रवाई कर चुका है. कई को नोटिस दिया गया है, जबकि कई दुकानें सील कर दी गयी. दुकानदारों में गाइडलाइन के विरोध की सुगबुगाहट है.

कई दुकानदारों ने तो किसी लफड़े से बचने के लिए धंधा ही छोड़ दिया है. उनका कहना है कि अनलॉक में मिली छूट के बाद दुकानें, तो खोल दी हैं, लेकिन धंधा मंदा है. ऊपर से ऐसा कड़ा कानून लागू कर दिया गया है, जिसका पालन करना मुश्किल हो रहा है. पहले जीएसटी, इनकम टैक्स, बैंक का हिसाब-किताब का चक्कर रहता था. अब हर ग्राहक का नाम-पता रजिस्टर में दर्ज करना पड़ रहा है. इस काम के लिए स्टाफ रखना पड़ रहा है. कमाई कम होती जा रही है, खर्च बढ़ता जा रहा है.

  • शहर के दुकानदारों और व्यापारियों के गले की फांस बनी केंद्र सरकार की गाइड लाइन

  • हर दिन दुकान की निगरानी करने पहुंच रहे दंडाधिकारी

केंद्र सरकार द्वारा लागू गाइडलाइन को लेकर जांच अभियान भी चल रहा है. जिला प्रशासन ने इसके लिए दंडाधिकारी भी तैनात कर दिया है, जो हर दिन दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, ग्राहकों के रिकार्ड, आरोग्य सेतु एेप की जानकारी लेते हैं. एक भी कमी पाये जाने पर कार्रवाई तय है. ग्राहकों के साथ स्टाफ को लेकर भी गाइडलाइन तय हैं. दुकानदारों का कहना है कि अपर बाजार, मेन रोड इलाकों में एक-एक वर्गफीट के हिसाब से किराया है. इसमें अगर ग्राहकों की संख्या लिमिट कर दी जायेगी, तो कमाई नहीं होगी.

ग्राहक हैं नदारद, मंदी में है व्यापार, बढ़ गया है खर्च : व्यापारियों का कहना है कि वाहन की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण ग्राहक शहर नहीं आ रहे हैं. लोगों में कोविड-19 का डर भी है. आर्थिक परेशानी भी है. दुकानदारों का माल दूसरे-दूसरे राज्यों से आ नहीं रहा है. लोग जरूरत से अधिक सामान नहीं ले रहे हैं. इससे व्यापार में मंदी है. व्यापारी संकट में है. ऊपर से प्रतिष्ठानों के संचालन का खर्च भी बढ़ गया है. टैक्स में कोई राहत नहीं मिल रही है. बाजार और बैंक का कर्ज परेशान कर रहा है. ऐसे में प्रशासन का दबाव, व्यापारियों की कमर तोड़ रहा है.

इस मामले में जिला प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है. यह तो सरकार का ही आदेश है. हम तो दुकानों और प्रतिष्ठानों से केवल सरकार की गाइडलाइन का पालन करवा रहे हैं.

लोकेश मिश्र, एडीएम, लॉ एंड ऑर्डर

इन शर्तों का पालन करना है दुकानदारों को

  • कार्यस्थल पर सभी कर्मियों के मोबाइल में ‘आरोग्य सेतु एेप’ इंस्टॉल होना चाहिए

  • समय-समय पर कार्यस्थलों व दुकानों का सैनिटाइजेशन कराना है आवश्यक

  • दुकान में हर इंट्री प्वाइंट पर सैनिटाइजर रखना होगा और हर कर्मचारी मास्क पहनेगा

  • दुकान में एक बार में पांच लोग ही प्रवेश करेंगे, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी

  • दुकान में आनेवाले हर ग्राहक का नाम-पता व मोबाइल नंबर रजिस्टर में दर्ज करना होगा

  • जिन ग्राहकों को खांसी व सांस लेने में परेशानी हो, उन्हें प्रवेश करने नहीं दिया जायेगा

  • सार्वजनिक स्थलों पर दो लोगों के बीच कम से कम छह फीट की दूरी रखनी होगी

कुछ नियम ऐसे कि जांच हुई, तो जुर्माना तय : रांची जिला प्रशासन द्वारा कोविड-19 को लेकर बने नियमों के उल्लंघन के आराेप में अब तक राजधानी की 300 से अधिक दुकानों पर कार्रवाई हो चुकी है. शॉपिंग मॉल, कपड़ा व हार्डवेयर दुकानें सहित अन्य कई प्रकार के प्रतिष्ठान सील किये गये हैं. दरअसल जो नियम हैं, उनमें से कुछ का पालन कठिन है. ऐसे में जांच हुई, तो जुर्माना लगना तय है. नियमानुसार, सील की गयी दुकानों को 48 घंटे बाद ही दोबारा खोला जा सकता है. दुकान खोलने की अनुमति तभी दी जाती है, जब दुकानदार यह अंडरटेकिंग लेता है कि वह प्रशासन की गाइडलाइन के अनुरूप ही संचालन करेगा.

छह मजिस्ट्रेट की है टीम : कोरोना काल में शहर में प्रतिष्ठान व दुकानों की खोलने की अनुमति मिलने के बाद जांच करने के लिए डीसी रांची ने छह कार्यपालक दंडाधिकारियों के नेतृत्व में टीम बनायी है. इन दंडाधिकारियों को रोस्टर के हिसाब से सप्ताह में एक दिन शहर की दुकानों की जांच करनी है.

बोले दुकानदार : हम कर रहे नियम पालन का प्रयास : हम गाइडलाइन का पालन करने का प्रयास कर रहे हैं. राशन दुकान में लोगों का धैर्य संयमित नहीं रहता. हर किसी को जल्द सामान चाहिए. ऐसे में कई बार ग्राहक सोशल डिस्टैंसिंग भूल जाते हैं. हमारी कोशिश रहती है कि नियम का पालन करते हुए ग्राहक को सामान दें. सरकार को भी गाइडलाइन में छूट देनी चाहिए, जिससे छोटे दुकानदारों को आसानी हो.

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