Corona Effect : हेमंत सरकार का फैसला, 3 मई तक नहीं खुलेंगी दुकानें, रहेगी पहले वाली स्थिति
झारखंड (Jharkhand) में बढ़ते कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के आंकड़े को देख हेमंत सरकार (Hemant Government) ने गली-मोहल्ले में स्वतंत्र रूप से चलने वाली खुदरा दुकानों को बंद रखने का निर्णय लिया है. केंद्र सरकार ने दो दिन पहले अपने दिशा-निर्देश में गली-मोहल्ले में स्वतंत्र रूप से चलने वाली खुदरा दुकानों को खोलने की छूट दी थी.
रांची : झारखंड (Jharkhand) में बढ़ते कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के आंकड़े को देख हेमंत सरकार (Hemant Government) ने गली-मोहल्ले में स्वतंत्र रूप से चलने वाली खुदरा दुकानों को बंद रखने का निर्णय लिया है. केंद्र सरकार ने दो दिन पहले अपने दिशा-निर्देश में गली-मोहल्ले में स्वतंत्र रूप से चलने वाली खुदरा दुकानों को खोलने की छूट दी थी. इसमें कपड़े, मोबाइल फोन, हार्डवेयर व स्टेशनरी जैसी दुकानें शामिल हैं. साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में शॉपिंग मॉल को छोड़ अन्य सभी दुकानें खोली जा सकती है, लेकिन वैसे छूट के बारे में अंतिम निर्णय संबंधित राज्य सरकारों को ही लेने को कहा गया था. इसी के आलोक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Cm Hemant Soren) ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं, इस कारण तीन मई तक दुकानों को बंद रखने का निर्णय लिया है. हालांकि, लाॅकडाउन (Lockdown) के दौरान खुलने वाली राशन व अन्य दुकानें पहले की ही भांति खुलती रहेंगी.
Also Read: Coronavirus Pandemic: रांची में मिले 8 नये कोरोना पॉजिटिव, झारखंड में संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 91पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर राज्य सरकार गंभीर है. राजधानी रांची का हॉटस्पॉट हिंदपीढ़ी में आवाजाही पूरी तरह से बंद हो इसके लिए हिंदपीढ़ी क्षेत्र सीआरपीएफ निगरानी में रहेगा, जहां कड़ाई से आवाजाही बंद रहेगी. इसके अलावा रांची के अंदर व बाहर आने-जाने वाली सीमाएं भी सील होगी. आवश्यक वाहनों को छोड़ अन्य सभी प्रकार की आवाजाही पर रोक रहेगी. राज्य के जिन क्षेत्रों में संक्रमण नहीं है कि वहां भी विशेष तौर पर निगरानी रखा जायेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साधन उपलब्ध कराने पर भी सरकार गंभीर प्रयास कर रही है.
इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) संग विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कार्यक्रम में एक बार फिर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Cm Hemant Soren) को बोलने का मौका नहीं मिला. हालांकि, इस कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री का नाम सूची में नहीं था. इस आलोक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कोविड-19 से उत्पन्न झारखंड से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं से अवगत कराया. साथ ही विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूर व छात्र-छात्राओं को वापस लाने में सहयोग करने की बात कही. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में मेरे द्वारा प्रेषित पत्र को भी प्रमुखता नहीं दिया गया.
Also Read: Lockdown की सख्ती के लिये रांची में CRPF की बटालियन तैनात, जानिए अब तक कितने मिले कोरोना केसChief Minister @HemantSorenJMM wrote to hon'ble PM @narendramodi'ji requesting relaxation of norms by @PIBHomeAffairs allowing inter state movement to facilitate the State Govt to bring back migrant workers & students of Jharkhand from all over the country. https://t.co/18z8kDGJMg
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) April 27, 2020
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा झारखंड के पांच हजार से अधिक छात्र-छात्राएं कोटा समेत देश के अन्य शहरों में लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं. इसी तरह से Covid-19 और Lockdown के कारण बाहर फंसे पांच लाख से अधिक मजदूर वापस झारखंड आना चाहते हैं. राज्य सरकार से सभी बार- बार गुहार लगा रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश का पालन करते हुए हम बेबस हैं, क्योंकि अंतरराज्यीय आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित है. पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि गृह मंत्रालय को निर्देश दें कि अन्य राज्यों में फंसे मजदूर और छात्रों को वापस लाने में सहूलियत प्रदान करे.