रांची : कोरोना वायरस/कोविड -19 के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने भारत के राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित करते हुए मास्क एवं सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 से संबंधित श्रेणी में डाल दिया है. इस पर संज्ञान लेते हुए अनुमंडल पदाधिकारी (सदर,रांची) लोकेश मिश्रा ने आदेश जारी किया है. जारी आदेश में एसडीओ ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति, व्यवसायी या संस्था द्वारा मास्क की जमाखोरी, वितरण या बिक्री में अनियमितता पाये जाने पर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.
इसके तहत टू प्लाई, थ्री प्लाई सर्जिकल मास्क, एन-95 मास्क एवं हैंड सैनिटाइजर की ब्लैक मार्केटिंग करते हुए पाए जाने पर संबंधित धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जायेगी. एसडीओ ने कहा कि रांची में अभी तक मास्क और सैनिटाइजर की ब्लैक मार्केटिंग संबंधी किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. अगर ऐसा कोई भी मामला किसी के सामने आये तो तुरंत ही पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
क्या है केंद्र के गजट में : प्रकाशित गजट में इसे आवश्यक वस्तु आदेश-2020 कहा गया है. इसके साथ ही यह अधिसूचना पूरे देश भर में हैंड सैनिटाइजर और मास्क के उत्पादन, गुणवत्ता, वितरण एवं बिक्री पर विशेष नजर रखने के लिए प्रशासन को विशेष शक्ति प्रदान करती है. जिससे कि किसी भी प्रकार की ब्लैक मार्केटिंग को रोका जा सके.