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Corona Effect : राज्य समन्वय समिति की पहली बैठक, बोले हेमंत- हिंदपीढ़ी इलाके में पुलिस की निगरानी में होगी एंबुलेंस की व्यवस्था

कोरोना संकट को लेकर गठित राज्यस्तरीय समन्वय समिति की पहली बैठक सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर हॉटस्पॉट बना रांची के हिंदपीढ़ी इलाके मे पुलिस अपनी निगरानी में एंबुलेंस की करें व्यवस्था.

रांची : कोरोना संकट को लेकर गठित राज्यस्तरीय समन्वय समिति की पहली बैठक सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर हॉटस्पॉट बना रांची के हिंदपीढ़ी इलाके मे पुलिस अपनी निगरानी में एंबुलेंस की करें व्यवस्था. दूसरी बीमारी से ग्रसित मरीजों को अगर इलाज की जरूरत पड़े, तो पुलिस अपनी निगरानी में एंबुलेंस की व्यवस्था कर उसे अस्पताल तक पहुंचाएं. साथ ही अनिवार्य सेवाओं के लिए पुलिस अपने नियंत्रण में वाहन जरूरतमंदों को उपलब्ध कराएं.

झारखंड मंत्रालय सभागार में आयोजित राज्यस्तरीय समन्वय समिति की पहली बैठक में मुख्यमंत्री ने इस महामारी से बचाव और इलाज, गरीब व जरूरतमंदों को भोजन व राशन उपलब्ध कराने, दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को सहायता उपलब्ध कराने और लॉकडाउन के पालन को लेकर उठाए जा रहे कदमों की जानकारी अधिकारियों से लेते हुए कई आवश्यक दिशा- निर्देश भी दिये.

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कंटेनमेंट जोन में आवाजाही पर लगे रोक

मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण को लेकर चिह्नित किये गये कंटेनमेंट जोन को पूरी तरह सील करने की बात कही. खासकर रांची जिले की सीमा रेखा पर कड़ाई से अनुपालन हो. कंटेनमेंट जोन में आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगायी जाये, ताकि कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने में मदद मिले. इसके अलावा जहां पर कोरोना संक्रमण नहीं है, वहां भी इसे नहीं फैलने देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं.

10 जिले कोरोना संक्रमण से प्रभावित, 27 कंटनेमेंट जोन चिह्नित

इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नीतिन मदन कुलकर्णी ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य के 10 जिले कोरोना संक्रमण से प्रभावित हैं, वहीं राज्य में 27 कंटेनमेंट जोन चिह्नित किये गये हैं. कोरोना संक्रमण को लेकर तीन श्रेणियों में स्वास्थ्य से जुड़ी व्यवस्थाएं की गयी है. इसके तहत जिन्हें कोरोना का कोई लक्षण नहीं मिला है, उनके लिए 129 कोविड केयर सेंटर बनाया गया है. इसके अलावा जिनमें कोरोना संक्रमण के थोड़े-बहुत लक्षण मिले हैं, उनके लिए 57 डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटेर और कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 21 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल तैयार किये गये हैं. राज्य में चार लैब में हर दिन तकरीबन 600 सैंपलों की जांच की जा रही है और तीन नये लैब खोलने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है.

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अपने वाहन में अनाज का पैकेट रखें डीसी-एसपी

राज्यस्तरीय समन्वय समिति की पहली बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के उपायुक्त (DC) और पुलिस अधीक्षकों (SP) से कहा है कि वो अपने वाहन में अनाज का पैकेट जरूर रखें. जब भी क्षेत्र का भ्रमण करें, तो रास्ते में जो भी गरीब या जरूरतमंद दिखें, उन्हें अनाज का पैकेट दें. साथ ही राशन की कालाबाजारी और गड़बड़ियों को रोकने के लिए अधिकारियों को सभी आवश्यक कदम उठाने को कहा. इसके अलावा जरूरतमंदों को कम से कम 15 दिन का अनाज उपलब्ध कराने के लिए भोजन का पैकेट तैयार कर उसका वितरण सुनिश्चित करने पर जोर दिया. इस दौरान खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अरुण कुमार सिंह ने अनाज और भोजन वितरण को लेकर की गई व्यवस्था और उससे जुड़ी गतिविधियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया.

सीआरपीएफ के साथ पुलिस बल के जवानों की भी होगी तैनाती

इस दौरान गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एल खियांग्ते ने सोशल पुलिसिंग की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया, वहीं पुलिस महानिदेशक ने बताया कि जहां पर सीआरपीएफ की तैनाती की जानी है, वहां राज्य पुलिस बल के भी जवान साथ में रहेंगे. उन्होंने बताया कि रांची से दूसरे जिलों को जोड़नेवाले हर रास्ते पर पुलिस बल की तैनाती के साथ सीसीटीवी से निगरानी किया जायेगा.

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पुलिस व स्वास्थ्यकर्मियों को मिलेगा दो-दो मास्क

मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी को लेकर ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों को दो-दो मास्क उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों की सुरक्षा को लेकर सभी जरूरी उपाय करने का निर्देश पुलिस महानिदेशक को दिया, ताकि इन पुलिसकर्मियों में संक्रमण का खतरा न हो. मुख्यमंत्री ने अभी के हालात में सामाजिक सदभाव बनाये रखने के लिए भी पुलिस महानिदेशक को आवश्यक निर्देश दिये. पुलिस महानिदेशक ने बताया कि कोरेंटाइन सेंटर, आइसोलेशन वार्ड, कोविड अस्पतालों में ड्यूटी करने वालों को हर हाल में मेडिकेटेड मास्क दिया जाये.

सरकारी अस्पताल व निजी अस्पतालों में ओपीडी शुरू हो

कोरोना महामारी के कारण अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों को इलाज में परेशानी न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट दिशा-निर्देश दिये. उन्होंने सुझाव दिया कि जरूरत के हिसाब से चरणबद्ध तरीके से अस्पतालों में ओपीडी सेवा शुरू की जानी चाहिए. मुख्यमंत्री ने इसके लिए मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव और रिम्स निदेशक को आवश्यक पहल करने को कहा.

6,500 चिकित्सक व 11,000 पारा मेडिकल स्टाफ ड्यूटी पर मुस्तैद

राज्यस्तरीय समन्वय समिति की पहली बैठक में कई अन्य निर्णय भी लिये गये हैं. इसके तहत पूरे राज्य में कोरोना संक्रमण को लेकर लगभग 6,500 चिकित्सक और लगभग 11,000 पारा मेडिकल स्टाफ ड्यूटी पर लगाये गये हैं. इसके अलावा लगभग 450 आयुष चिकित्सकों को भी कोरोना के इलाज के लिए तैनात किया गया है. राज्य में लगभग 90 प्रतिशत हाउस होल्डर्स का सर्वे कराया जा चुका है. इसमें लगभग 53 लाख परिवार ग्रामीण क्षेत्र के हैं. कोरोना संकट को लेकर इनके डिटेल्स लेकर सूची तैयार कर ली गयी है. अनाज की कालाबाजारी और गड़बड़ियों को रोकने के लिए प्रखंड स्तर पर एक और जिलास्तर पर दो फ्लाइंग स्क्वायड टीम गठित की गयी है.

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मुखिया और पार्षदों को दिये गये 10-10 हजार रुपये

कंटीजेंसी फूड फंड के तहत सभी मुखिया और पार्षदों को 10-10 हजार रुपये दिये गये हैं. राज्य में 51 हजार फूड पैकेट वितरण किये जा रहे हैं. इसमें चूड़ा-गूड़ समेत कुछ और सामान भी शामिल हैं. लगभग 1300 दाल-भात केंद्रों में प्रतिदिन करीब 2.50 लाख लोग और छह हजार से ज्यादा मुख्यमंत्री दीदी किचन में 5.17 लाख जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री विशेष सहायता मोबाइल एप्प के माध्यम से अबतक 1.32 लाख प्रवासी मजदूरों के खाते में एक- एक हजार रुपये डीबीटी के जरिये भेज दिये गये हैं. इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एल खियांग्ते, पुलिस महानिदेशक एमवी राव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नीतिन मदन कुलकर्णी, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह, सचिव के रवि कुमार, सचिव अमिताभ कौशल, रिम्स के निदेशक डॉ डीके सिंह और डॉ जोगेश गंभीर मौजूद थे.

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